कोरोनावायरस के चलते भारत में लॉकडाउन चल रहा है। कंपनियों और कई राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग घर से काम कर रहे हैं। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए जूम ऐप का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जा रहा है। यह एक फ्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप है। लेकिन गृह मंत्रालय ने इस ऐप के इस्तेमाल को लेकर यूजर्स को आगाह किया है। गृह मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी एडवाइजरी में जूम ऐप को सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं बताया गया है।
मंत्रालय ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि इस ऐप के जरिए बैठक के दौरान अनधिकृत रूप से किसी का प्रवेश हो सकता है, इसलिए यूजर्स और कंपनियां अपनी बैठक को फुलप्रूफ बनाएं ताकि सॉप्टवेयर में किसी तरह की सेंधमारी न हो सके।
सरकार ने जूम ऐप का इस्तेमाल करते समय उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी दी है। गौरतलब है कि देशव्यापी लॉकडाडन पार्ट 2.0 का दूसरा दिन है, जबकि इससे पहले से ही लाखों-करोड़ों कर्मचारी वर्क फ्रार्म होम कर रहे हैं, जबकि अधिकांश लोग अपने परिवार और दोस्तों से जुम ऐप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़े है।
बताया जा रहा है कि इस ऐप के जरिए पर्सनल डाटा आसानी से चोरी किया जा सकता है। वीडियो कॉलिंग भी हैक की जा सकती है। गुरुवार को गृह मंत्रालय ने इस ऐप के इस्तेमाल को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है। कहा गया है कि यह ऐप सुरक्षित नहीं है। इससे कोई भी सरकारी मीटिंग नहीं की जाएगी, इसका इस्तेमाल कोई ना करे। इसको देखते हुए ही गृह मंत्रालय ने जूम ऐप के इस्तेमाल को सावधानी पूर्वक करने की सलाह दी है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार जूम ऐप की सेटिंग्स में नीचे दिए गए बदलाव कहने को कहा गया है।
जो इस प्रकार है:-
-हर मीटिंग के दौरान नया यूजर आईडी और पासवर्ड क्रिएट करने को कहा गया है।
– ऐप में वेटिंग रूम क्रिएट करें, ताकि कोई यूजर मीटिंग में तभी इंटर कर सकेंगे जब होस्ट उसे एंट्री करने की परमिशन देगा।
-वीडियो कांफ्रेंस होस्ट करने से पहले होस्ट फीचर को डिसेबल करने के लिए कहा गया है।
-अल्टर्नेटिव होस्ट स्क्रीन शेयरिंग सेटिंग्स को होस्ट ओनली में करने के लिए कहा गया है।
-रिमूव्ड पार्टिशिपेन्ट्स को दोबारा ज्वाइन करने की परमिशन नहीं देने के लिए कहा गया है।
-इसके साथ ही फाइल ट्रांसफर को रिस्ट्रिक्ट या डिसेबल करने की सलाह दी गई है।
-जब सभी पार्टिशिपेंट्स ज्वॉइन कर लेते हैं तो मीटिंग को लॉक करने की सलाह दी गई है।
-इसके अलावा रिकॉर्डिंग फीचर को रिस्ट्रिक्ट करने के लिए भी निर्देश-दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनों से इस वीडियो कांफ्रेंसिंग ऐप के जरिए डाटा चोरी जैसी कई खबरें आ रहीं थी। इसके अलावा एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें जूम अकाउंट्स की डिटेल्स 15 पैसे से कम कीमत में ऑनलाइन बेचे जाने के बारे में बताया गया था। इस ऐप की सिक्युरिटी को लेकर सवाल उठाए जा चुके हैं, जिसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने ये एडवाइजरी जारी किया है।