भारतीय आयुर्वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोरोना के इलाज में बीसीजी के टीके का असर का पता लगाने के लिए शोध करेगा। टीबी के इलाज में इस्तेमाल किये जाने वाले बीसीजी के टीके को लेकर कोरोना के इलाज में प्रभावी होने की चर्चाएं हैं। इसे लेकर आईसीएमआर भी अगले हफ्ते शोध का काम शुरू कर देगा। हालांकि इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी शोध का काम शुरू कर चुका है और ट्रायल कर रहा है।
आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. रमण आर गंगाखेडकर ने बताया कि बीसीजी का टीका कोरोना के मरीजों और उनके तीमारदारों में उपयोगी है या नहीं, इसके अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं। बीसीजी इस नए विषाणु पर काम करेगा या नहीं यह शोध का विषय है, इसलिए हम अगले हफ्ते शोध शुरू करने के बाद ही कुछ कह पाएंगे। देश में तीन अलग अलग तरह के कोरोना वायरस के स्टेंन मिले हैं।
देश में 3 लाख 19 हजार 400 टेस्ट किए गए
कोरोना की जांच के लिए पिछले 24 घंटों में कुल 28 हजार 340 टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 24 हजार के करीब 183 सरकारी लैब में किए गए हैं और 4 हजार के करीब 80 निजी लैब में किए गए हैं। देश में अब तक कुल 3 लाख 29 हजार, 400 टेस्ट किए जा चुके हैं।