रायपुर। छत्तीसगढ़ के सबसे बडे़ सोलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट (ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र) का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने बटन दबाकर ग्राम सकरी में लगभग 127 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित संयंत्र जनता को समर्पित किया। छत्तीसगढ़ के इस सबसे बड़े ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र में रोज 500 टन कचरे का वैज्ञानिक पद्धति से निपटान किया जाएगा। इस पूरी परियोजना की लागत 197 करोड़ रूपए है। यह संयंत्र पीपी माडल पर कार्य करेगा। इस संयंत्र में कचरे से खाद बनेगी तथा सीमेंट कारखानों के लिए सहायर्क इंधन भी मिलेगा। इस संयंत्र में 6 मेगावाट बिजली उत्पादन भी प्रस्तावित है। 15 साल की इस परियोजना पर नगर निगम रायपुर और नई दिल्ली की एम एस डब्ल्यू साल्यूशन लिमिटेड मिलकर काम कर रहे हैं। परियोजना में हर घर और दुकान से डोर-टू-डोर कचरे का संग्रहण, परिवहन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, रायपुर नगर निगम क्षेत्र में आज छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र जनता को समर्पित किया जा रहा है। इस संयंत्र में 500 टन कचरे का प्रतिदिन निपटान होगा। इस संयंत्र के लोकर्पण के बाद छत्तीसगढ़ भारत का ऐसा पहला राज्य बन जाएगा, जहां किसी शहर में उत्सर्जित कचरे का शत प्रतिशत निपटान वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, लोक सभा सांसद सुनील सोनी, महापौर एजाज ढेबर, सभापति प्रमोद दुबे, सहित नगर निगम के अनेक पार्षद, नगर निगम रायपुर के आयुक्त सौरभ कुमार सहित अनेक अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। इस परियोजना की अवधि 15 वर्ष की होगी और पीपीपी मोड पर कार्य होगा।