शराब पीने के आदी लोगों के लिए सेनेटाइजर का ज्यादा इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। भारतीय चिकित्सक ने अध्ययन में पाया कि सेनेटाइजर के ज्यादा इस्तेमाल के कारण उन्हें सांस में तकलीफ हो सकती है। कुछ मामलों में ऐसे मरीजों को आपात स्थिति में अस्पताल भी ले जाना पड़ता है। एल्कोहल व एल्कोहलिज्म जर्नल में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ।
मुंबई में लोकमान्य तिलक मेडिकल कालेज के डॉ. अवनीश डिशूजा ने शोधपत्र में बताया कि ज्यादा शराब पीने के आदी लोग इससे छुटकारा पाने के लिए कई दवाओं का इस्तेमाल भी करते हैं। ऐसी दवाएं लेने वाले लोगों के शरीर में सेनेटाइजर नकारात्मक असर डालता है क्योंकि इसमें 70 प्रतिशत एल्कोहल होता है।
ऐसी ही दवा डाइसल्फिरैम लेने वाले लोगों में सेनेटाइजर की विपरीत प्रतिक्रिया देखी गई है। यह दवा लेने के बाद अगर एल्कोहल की जरा सी मात्रा भी ली जाए तो उल्टी, सिरदर्द और सांस में तकलीफ होने लगती है, जिस कारण दवा लेने वालों को एल्कोहलयुक्त पदार्थों से दूर रहने को कहा जाता है।
सेनेटाइजर लगाने से सांस में तकलीफ-
सेनेटाइजर में 70 प्रतिशत एल्कोहल होता है, जिस कारण डाइसल्फिरैम दवा का प्रयोग करने वालों को सिरदर्द, उल्टी, तेज हृदयगति चलने जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
सेनेटाइजर के लिए शराब छोड़ें-
डॉ. डिशूजा ने शोध में एक मरीज का उदाहरण लिखा है कि मरीज सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल लाया गया। उसमें हैंगओवर जैसे लक्षण भी थे। मरीज की सेनेटाइजर लगाकर बैंक जाते समय हालत बिगड़ गई थी। मेडिकल हिस्ट्री से पता लगा कि मरीज तीन साल से डाइसल्फिरैम दवा ले रहा है। मरीज को सलाह दी गई कि कोरोना के चलते वह सेनेटाइजर का प्रयोग करने के लिए कुछ दिन को दवा लेना बंद कर दे और शराब न पिये।