Thursday, November 21, 2024
Homeस्वास्थ्यकोरोना वाइरस वैक्सीन: कोविड वैक्सीन का आधा हिस्सा भारत के लिए होगा,...

कोरोना वाइरस वैक्सीन: कोविड वैक्सीन का आधा हिस्सा भारत के लिए होगा, लोगों को मिलेगी फ्री: अदर पूनावाला…

वर्तमान समय में पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जंग लड़ रही हैं ऐसे में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन पर काम चल रहा है लेकिन सबकी नजरें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन पर है। लैंसेट ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन के पहले मानव परीक्षण का डाटा प्रकाशित किया है। जिसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिसा के सीईओ अदर पूनावाला का कहना है कि उनकी कंपनी जो वैक्सीन बनाएगी, उनमें से 50 फीसदी की सप्लाई भारत में होगी और 50 फीसदी की अन्य देशों में।

सूत्रों के मुताबिक अदर पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन को अधिकतर सरकार ही खरीदेगी और लोगों को वो टीकाकरण कार्यक्रमों के तहत मुफ्त में उपलब्ध होगी। आपको बता दें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया दुनिया के सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में से एक है। एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में अदर पूनावाला ने कहा कि अगर वैक्सीन का ट्रायल ठीक रहता है और परिणाम अच्छे आते हैं, तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया एक पार्टनर के तौर पर ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ इन्हें बनाएगी।

https://tazakhabar36garh.com/nation/coronavirus-80-of-patients-in-the-country-have-zero-or-very-few-symptoms-of-corona-union-health-minister-dr-harsh-vardhan/

उन्होंने यह जानकारी दी कि कि उनकी कंपनी ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की वैक्सीन का भारत में तीसरे चरण का मानव परीक्षण करने के लिए विनियामक मंजूरी भी मांग रही है। ताकी इसका परिणाम अच्छा आने पर वैक्सीन को बड़े पैमाने पर बनाया जा सके।

अदर ने कहा, ‘हमने कहा है कि जो वैक्सीन हम बनाएंगे उसका आधा हिस्सा भारत को और बाकी का आधा हिस्सा अन्य देशों को रोटेशन के आधार पर देंगे। सरकार समर्थन कर रही है। हमें ये समझने की जरूरत है कि ये एक वैश्विक संकट है और दुनियाभर के लोगों का बचाव किए जाने की जरूरत है। यह महत्वपूर्ण है कि हम पूरी दुनिया को समान रूप से प्रतिरक्षित करें।

नवंबर-दिसंबर तक वैक्सीन उत्पादन करने में सक्षम

उन्होंने कहा कि अगर परीक्षण और परिणाम योजना के अनुसार रहते हैं, तो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया नवंबर-दिसंबर तक वैक्सीन की कुछ मिलियन खुराक और बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए 2021 की पहली तिमाही तक लगभग 300-400 मिलियन खुराक का उत्पादन करने में सक्षम होगी। यह पूछे जाने पर कि पहले बैच में वैक्सीन किसे मिलेगी, पूनावाला ने कहा कि यह सरकार तय करेगी। हालांकि बुजुर्ग, कमजोर लोग और फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों को पहले मिलनी चाहिए। जो युवा और स्वस्थ हैं, उन्हें बाद में दी जा सकती है।

वैक्सीन की कीमत

सूत्रों के अनुसर वैक्सीन की कीमत पर उन्होंने कहा, ‘इसे लेकर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन इसकी कीमत कम ही रखी जाएगी। आज के समय में कोविड-19 टेस्ट 2500 का है, रेमडेसिविर दवा की कीमत दस हजार के करीब है। तो हमारी योजना है कि हम इसकी कीमत 1000 या उससे कम रखेंगे। मुझे नहीं लगता कि ये लोगों को खरीदनी पड़ेगी क्योंकि अधिकतर वैक्सीन सरकार ही खरीदेगी और टीकाकरण कार्यक्रमों के तहत लोगों को मुफ्त में उपलब्ध कराएगी।

spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!