दिल्ली हाईकोर्ट ने एक वकील को कार में अकेले बिना मास्क के पकड़े जाने पर दिल्ली पुलिस की ओर से चालान काटे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने 18 नवंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
याचिका वकील सौरभ शर्मा ने दायर की है। सौरभ शर्मा पिछले 20 सालों से प्रैक्टिस कर रहे हैं। पिछले 9 सितंबर को जब वे अपने दफ्तर जा रहे थे तो गीता कालोनी में दिल्ली पुलिस ने उनकी कार को रोका। एक अधिकारी ने पहले उनका कार में बैठे फोटो लिया और उन्हें कार से उतरने को कहा। कार से उतरकर पूछताछ करने पर पुलिस वालों ने बताया कि मास्क नहीं पहनने की वजह से पांच सौ रुपये का जुर्माना लगेगा।
याचिकाकर्ता ने पुलिस अधिकारियों को ये समझाने की कोशिश की कि चूंकि वह कार में अकेले यात्रा कर रहा था इसलिए उसने कोई अपराध नहीं किया है। याचिकाकर्ता ने पुलिस अधिकारियों से वह आदेश दिखाने को कहा जिसमें कोई व्यक्ति अकेले निजी वाहन में यात्रा कर रहा है तो उसे मास्क पहनना जरुरी करने का प्रावधान हो। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिखाया। पुलिस अधिकारियों ने याचिकाकर्ता की बातों को अनसुना कर पांच सौ रुपये का चालान काट दिया गया। जब पुलिसवाले नहीं माने तो याचिकाकर्ता ने विरोधस्वरुप चालान की रकम जमा की।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वकील केसी मित्तल, जोबी वर्गीश और युगनेश मित्तल ने मानसिक प्रताड़ना की एवज में याचिकाकर्ता को दस लाख रुपये का हर्जाना देने की मांग की। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता पर चालान गैरकानूनी रुप से काटा गया है और पुलिस वालों ने सार्वजनिक रुप से प्रताड़ित किया है।