जहाँ एक तरफ सोशल मीडिया कई तथ्यों और जानकारियों से यूज़र्स को अवगत कराने का सबसे तेज जरिया माना जाता है, वहीं कुछ खबरें इन प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी चल पड़ती हैं, जिनकी सत्यतता का अनुमान लगा पाना कई दफा करीब-करीब नामुमकिन हो जाता है। एक कहावत है कि लोहे को लोहा ही काटता है। इस मिसाल को सच साबित करते हुए PIB फैक्ट चेक तथ्यों को उजागर करने का काम बड़ी ही शालीनता से लगातार करता आ रहा है। इस तरह सरकारी नीतियों/योजनाओं पर गलत सूचना का पर्दाफाश करके जनता के सामने सच पेश करने का बखूबी काम कर रहा PIB फैक्ट चेक अब तथ्यों की जाँच करने के सबसे सफलतम उदाहरणों में से एक बन चुका है। इस प्लेटफॉर्म ने देश के अपने माइक्रोब्लॉगिंग मंच, Koo के जरिए सोशल मीडिया पर चलने वाली कई जालसाज़ सरकारी योजनाओं का भंडाफोड़ किया है।
काफी समय से सोशल मीडिया पर यह बात चल रही है कि मोदी सरकार ने फलानी योजना शुरू की है, जिसमें आम लोगों को तमाम सुविधाएँ को प्रदान की जाएँगी, इनमें सर्वाधिक धोखाधड़ी यूट्यूब पर देखने को मिल रही है। कई यूट्यूब चैनल्स विभिन्न सरकारी योजनाओं से जुड़े कॉन्टेंट शेयर करते हैं। इनमें से कई चैनल्स वीडियो कॉन्टेंट के जरिए भी इन योजनाओं का ज़िक्र करते दिखाई दे जाते हैं, जो वास्तव में मौजूद ही नहीं होती हैं और जिनकी सत्यता का अंदाज़ा लगा पाना बेहद मुश्किल होता है। यूट्यूब पर दिखाई देने वाली ऐसी जालसाज़ सरकारी योजनाओं से सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।
Koo ऐप पर इसकी जानकारी देते हुए PIB फैक्ट चेक ने कहा है कि, कुछ यूट्यूब चैनल्स विभिन्न सरकारी योजनाओं से संबंधित विवरण प्रदान करते हैं, जो कि वास्तव में मौजूद ही नहीं हैं। सतर्क रहे! धोखेबाजों द्वारा दुर्भावनापूर्ण इरादे से बनाए गए कॉन्टेंट के झाँसे में न आएँ।