Monday, December 23, 2024
Homeराजनीतिदेवेंद्र फडणवीस ने क्यों किया त्याग, एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र सीएम बनाने...

देवेंद्र फडणवीस ने क्यों किया त्याग, एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र सीएम बनाने के पीछे यह है बड़ा प्लान…

देवेंद्र फडणवीस आज शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकेत हैं…. टीवी न्यूज चैनल्स पर यह ब्रेकिंग चल रही थी कि अचानक खबर बदली, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे एकनाथ शिंदे। सबको चौंकाते हुए खुद पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे को समर्थन देकर मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान करते हुए साफ किया कि वह किंग नहीं, किंगमेकर होंगे। फडणवीस के इस फैसले से सियासी पंडित भी चौंक गए। किसी ने यह अनुमान नहीं लगाया था कि दोगुनी से अधिक सीटों (120 विधायक) के बावजूद भाजपा शिंदे की शिवसेना (निर्दलीय समेत करीब 50 विधायक) को सत्ता सौंप देगी। आइए समझते हैं कि फडणवीस और भाजपा ने क्या खुद ड्राइविंग सीट पर बैठने की बजाय शिंदे को स्टेयरिंग पकड़ा दी।

खुद एकनाथ शिंदे ने भाजपा और फडणवीस के त्याग की तारीफ करते हुए कहा कि आज के समय में ऐसा होना मुमकिन नहीं लगता। यह पूरे देश के लिए मिसाल है। शिंदे ने कहा,”आज भाजपा और फडणवीस जी ने शिवसेना प्रमुख बालासाहबे ठाकरे के सैनिक को सपोर्ट किया है, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा जी का आभार देता हूं। खासकर देवेंद्र फडणवीस को धन्यवाद देता हूं, क्योंकि वह खुद भी इस पद पर रह सकते थे। इस राज्य में नहीं बल्कि देश में यह एक मिसाल होगी। आज के समय में मुझे नहीं लगता है कि कोई ऐसा कर सकता है। जो भरोसा भाजपा ने जताया है, उसको निश्चित रूप से हम लोग पूरा करने की कोशिश करेंगे।’

फायदे कई, नुकसान नहीं

असल में देवेंद्र फडणवीस के का यह गेमप्लान ‘सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे’ की कहावत पर आधारित है। भाजपा ने यह दांव चलकर उद्धव ठाकरे से 2019 के ‘धोखे’ का बदला ले लिया है, जब साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बाद शिवसेना ने पलटी मारते हुए कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। अजित पवार को तोड़कर फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ली लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें 24 घंटे में ही कुर्सी से उतरना पड़ा। फडणवीस ठाकरे का तख्तापलट करके वह बदला पूरा कर लिया है। लेकिन इस तख्तापलट के बाद फडणवीस को सीएम ना बनाकर भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि सत्ता के लालच में उद्धव की सरकार नहीं गिराई गई है।

उद्धव-राउत के नैरेटिव को किया फुस्स

शिंदे के साथ शिवसेना के 39 विधायकों की बगावत के बाद से उद्धव ठाकरे का खेमा लगातार इस पूरे घटनाक्रम में भाजपा को विलेन के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहा था। भाजपा को सत्ता के लालच में बगावत कराने और विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाना शुरू कर दिया था। भाजपा ने एक झटके में इस नैरेटिव को ध्वस्त कर दिया है।

आगे बढ़ने के लिए पीछे लिए दो कदम

राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि फडणवीस ने लंबी छलांग लेने के लिए कुछ कदम पीछे लिए हैं। वह इस कदम से जनता को यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि उसने शिवसेना की सरकार गिराई नहीं है, बल्कि कथित तौर पर हिंदुत्व के अजेंडे से हट चुके उद्धव गुट को हटाकर बालासाहेब ठाकरे के नक्शेकदम पर आगे बढ़ने वाली शिवसेना को सत्ता में आने में मदद की है। माना जा रहा है कि अगले चुनाव में भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है।

spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!