बिलासपुर। अपने पिता और भाई को पुलिस द्वारा अकारण गिरफ्तार किए जाने और उनकी रिहाई को लेकर बेटी ने मई में प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। आज उसी बेटी के पिता ने अपने बेटे की दो माह से गुमशुदगी को लेकर बंदी प्रत्यक्षीकरण लगाया है। मामले में आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने गलत शपथपत्र को लेकर नाराजगी जाहिर की और शुक्रवार तक सही शपथपत्र पेश करने का निर्देश दिया है।
दरअसल जिला जशपुर अंतर्गत कुनकुरी थाना पुलिस ने वही के रहने वाले रफीक अली और उनके पुत्र को 17 मई की सुबह अकारण उन्हे घर से उठा लिया। 17 मई की रात तक दोनों के घर न पहुंचने पर बेटी ने थाने जाकर जानकारी लेनी चाही, पर उसे थाने से गिरफ्तारी का बीना कारण बताए भगा दिया। बेटी ने एडवोकेट सैय्यद इशहादिल अली के माध्यम से अर्जेंट बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दाखिल कर पिता और भाई को वापस पाने की मांग की। वेकेशन कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद शासन , आईजी, एसपी और थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर शपथ पत्र देने कहा था।
इस बीच पिता और भाई के मामले को तो कोर्ट में पेश कर दिया गया। पर 7 मई से गुमशुदा बेटे को लेकर उसके पिता ने हाईकोर्ट में एक और नई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। जिसमें कहा गया की उसके बेटे को दुषकर्म के एक मामले में 18 मई को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। पर आजतक न तो उससे मिलने दिया गया और ना ही उसका चालान कोर्ट में पेश किया गया और ना ही किसी कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जब भी थाने जाते है तो उन्हे भगा दिया जाता है।
इसकी शिकायत एसपी जशपुर से भी की गई। पर सुनवाई न होने पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है। मामले में हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर कर शासन को इसी शुक्रवार को सही शपथ पत्र पेश करने कहा है।