बिलासपुर। देश मे बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है. क्या आम और क्या खास सभी इस बेरोजगारी से परेशान है. लोग चाय-पकौड़े बेचकर भी जीवन यापन कर रोजमर्रा की जरूरतों की पूर्ति कर रहें है. ऐसा ही नजारा बिलासपुर में देखने मिला. जहां आर्थिक तंगी के चलते बेसबॉल खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाड़ी चाय बेच कर अपना जीवन यापन करने पर मजबूर है. दरअसल, बिलासपुर के रिवरव्यू में छोटी सी गुमटी में चाय बना रहे इस नौजवान युवक का नाम विकास यादव है. बेसबॉल का बहुत अच्छा खिलाड़ी है. लेकिन आज वह चाय बेचने को मजबूर है।
आदर्श कालोनी गुरुद्वारा के पास रहने वाले मनोज व निशा का बेटा विकास यादव भी आगे भी खेलना चाहता था लेकिन घर की परिस्थितियां ठीक नहीं होने और नेशनल मेडल जीतने के बाद भी सरकार की ओर से मदद का हाथ नहीं बढ़ने से उसे सड़कों में घूम घूम कर चाय बेचना पड़ रहा है। विकास कहता है की मैं सुना करता था कि नेशनल मेडल जीतने के बाद जीवन में बहुत कुछ बदल जाता है पर मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हर रोज़ उम्मीद के साथ सुबह तैयार होता है और अपने घर से निकल पड़ता है।
रिवर व्यू की ओर, जहाँ वो जीवन में खुशियों की उम्मीद लिए चाय बेचने का काम करता है जब भी वो अपने सामने से किसी खिलाड़ी को जाते देखता है तो वो अपने मेडल को याद करता है. उसके कोच अख्तर का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने के बाद यदि खिलाड़ियों को कोई प्रोत्साहन नहीं मिलेगा तो इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति अपने बच्चे का करियर बनाने से डरेगा. पिछले कई वर्षो से हो रहे खेल अलंकरण में भी इन्हे जगह नहीं मिल रही है।
कई मैडल जीते
इस राष्ट्रीय बेसबॉल खिलाड़ी विकास यादव ने बड़ी संख्या में राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है. इतना ही नहीं उसने दो स्वर्ण पदक, दो रजत पदक और एक कांस्य पदक भी अपने नाम किया. इसके बाद भी जीवन बदहाल है. उसकी किस्मत अन्य खिलाड़ियों की तरह नहीं है जहां मेडल से उसे कुछ लाभ मिल सके।