बिलासपुर। नर्सिंग स्टाफ के साथ जिले के समस्त तृतीय व चतुर्थ श्रेणी स्वास्थ्य कर्मी अपनी मांगों को लेकर बुधवार को हड़ताल पर रहे। इसका व्यापक असर पड़ा और जिले की चिकित्सा सुविधा पूरी तरह चरमरा गई। सिम्स, जिला अस्पताल के साथ ही अन्य सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। सभी तरह की पैथोलाजी और रेडियोलाजी जांच बंद रही। वहीं, वार्डों में नर्सों के नहीं होने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी। नर्सों की अनुपस्थिति में डाक्टरों भी मरीजों का उपचार करने में कठिनाई गई।
जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी 24 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल की। यह हड़ताल सिम्स के साथ अन्य सरकारी अस्पतालों हुई। इस मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा। सिम्स में मरीजों को सीटी स्कैन, एमआरआइ, एक्सरे, सोनोग्राफी के साथ ही खून व पेशाब की सभी प्रकार की जांच प्रभावित रही। कुछ ऐसा ही हाल जिला अस्पताल का रहा है। वहीं, भर्ती मरीजों का आपरेशन भी बाधित रहा है। दोपहर बाद हड़ताली कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में मांग पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। जहां कलेक्टर ने जानकारी दी कि तत्काल इन मांगों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अवगत कराया जाएगा।
ये है मुख्य मांगें: सिम्स में सेटअप के अनुरूप नर्सों की भर्ती नहीं की गई है। इसकी वजह से पदस्थ नर्सों से ज्यादा काम लिया जा रहा है। लगातार काम करने से नर्सिंग स्टाफ को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। समस्या दूर करने के लिए नई भर्ती की जरूरी है। लेकिन इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसके अलावा चिकित्सा कर्मचारियों के लिए अन्य 23 मांगे भी हैं। इसके लिए ही लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है।