रायपुर। निशु क्षत्रिय, कृषि तांडी, सोनिया जंघेल, तनुश्री और शिवन्या पटेल। छत्तीसगढ़ पुलिस में ये वो कांस्टेबल हैं, जिन्होंने लोगों के खूब ताने सुने। मायूस हुए, मगर पीछे नहीं हटे, डटे रहे। किताबों से दोस्ती जारी रखी। शारीरिक दक्षता के लिए भी कड़ी मेहनत की और लोगों को अपनी कामयाबी से जवाब दिया।
दरअसल, ये पांच पुलिस कांस्टेबल ट्रांसजेंडर हैं, जो हाल ही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के विभिन्न पुलिस थानों में तैनात किए गए हैं। इन्हें कामयाब होने के लिए कदम कदम पर संघर्ष करना पड़ा। बदनामी के डर से परिवार तक ने इनका साथ छोड़ दिया था, फिर भी ये रुके नहीं।
कौन-कहां तैनात?
निशु क्षत्रिय, पुरानी बस्ती थाना, रायपुर कृषि तांडी, गोलबाजार थाना, रायपुर सोनिया जंघेल, उरला पुलिस थाना, रायपुर तनुश्री, आजाद चौक थाना, रायपुर
शिवन्या पटेल, सिविल लाइन थाना, रायपुर
13 ट्रांसजेंडर बने थे पुलिस कांस्टेबल
मार्च 2021 को सोशल मीडिया पर छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जानकारी दी थी कि रायपुर रेंज पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इस परीक्षा में तृतीय लिंग (ट्रांसजेंडर) समुदाय के 13 उम्मीदवारों का पुलिस आरक्षक पद पर चयन हुआ है। सीएम सभी चयनित उम्मीदवारों को शुभकामनाएं भी थी।
11 साल की उम्र में छोड़ना पड़ा घर
कांस्टेबल निशु कहती हैं कि ट्रांसजेंडर होने की वजह से महज 11 साल की उम्र में घर छोड़ना पड़ा था। अपने गुरुओं के साथ रहीं। लोगों के ताने सुने तो लगा कि शिक्षा के दम पर किस्मत बदल सकती हूं। नतीजा आप सबके सामने है।
परिवार की काउंसलिंग पहले हो
कांस्टेबल कृषि तांडी कहती हैं कि ट्रांसजेंडर के प्रति समाज और परिवार का नजरिया बदलने की जरूरत है। सबसे पहले तो परिजनों की ही काउंसिलंग होनी चाहिए। ताकि हम जैसों को अपने ही घर में सुरक्षित माहौल मिल सके। ट्रांसजेंडर होना कोई गलत बात नहीं है।
रिश्तेदारों ने भी किया परेशान
कांस्टेबल सोनिया जंघेल कहती हैं कि परिवार का माहौल अच्छा था, लेकिन आस-पास के लोगों व रिश्तेदारों ने जीना मुहाल कर रखा था। इस वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्कूल में भी सहपाठी फब्तियां कसते थे। अब पुलिसकर्मी बनकर समाज में गलत काम रोकेंगे।
समाज का नजरिया बदलने का अवसर मिला
कांस्टेबल तनुश्री का मानना है कि खाकी वर्दी मिलने का मतलब है कि उन्हें ट्रांसजेंडरों के प्रति समाज का नजरिया बदलने का अवसर मिला है। हालांकि परिवार का पूरा साथ मिला। समाज ने कदम कदम पर दुत्कारा। कानून की रक्षा के साथ-साथ लोगों की सोच भी बदलूंगी।
बचपन में ठाना कुछ बनना है
कांस्टेबल शिवन्या पटेल का कहना है कि बचपन में ही तय कर लिया था कि कुछ करके दिखाना है। नई जिम्मेदारी को लेकर उत्साहित हूं। अन्य ट्रांसजेंडरों को भी पढ़ाई के प्रति प्रेरित करूंगी। मुझे स्कूल में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
रायपुर रेंज पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। इस परीक्षा में तृतीय लिंग समुदाय के 13 उम्मीदवारों का पुलिस आरक्षक पद पर चयन हुआ है और दो उम्मीदवार वेंटिंग लिस्ट में हैं।
इस उपलब्धि के लिए सभी चयनित उम्मीदवारों को बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं। pic.twitter.com/n9G1loPXEP
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 1, 2021