बिलासपुर। बुधवार को कांग्रेस का प्रदेश भर में रेल रोको आंदोलन हुआ। बिलासपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ता रेल रोकने रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। कार्यकर्ता पटरी पर लेट गए और जमकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान करीब 1 घंटे तक रेलवे ट्रैक बाधित रहा। कांग्रेसियों ने कहा कि, रेलवे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों का विरोध है। आंदोलन को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा के द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये थे।
रेल रोको आंदोलन के दौरान प्रदेश के सभी जिला, ब्लॉक मुख्यालयों में एकत्रित होकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों को रोकने की रणनीति बनाई। इस आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने चेतावनी दी है कि अगर ट्रेन यातायात बाधित हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए आरपीएफ के साथ ही पुलिस की ड्यूटी भी लगाई गई।
क्यों है रेलवे के खिलाफ नाराजगी?
कांग्रेस ने रेल सुविधाओं पर कटौती करने और के आरोप लगाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि देश भर के 6,800 रेल स्टोपेज बंद किए गए, जिसमें से 200 अकेले छत्तीसगढ़ में हैं। वहीं साधारण पैसेंजर मेमू ट्रेन को स्पेशल ट्रेन बनाकर दोगुना किराया वसूला जा रहा है. इसके अलावा स्लीपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बों की संख्या घटाई गई। पार्टी का दावा है कि पिछले साढ़े तीन साल में 67,382 ट्रेनों को रद किया गया। पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने की साजिश रच रही है और जल्द इसे निजी हाथों में सौंपने का षड्यंत्र किया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि छत्तीसगढ़ में बिना कोई कारण बताएं, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महीना हफ्तों तक बंद करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। ऐसे में महीना भर पहले यात्रा की योजना बनाकर रिजर्वेशन कराने वाले नागरिकों की परेशानी से रेलवे और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है।
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