राजनीति

बिलासपुर: निर्माण की गुणवत्ता और समय-सीमा में काम सुनिश्चित कराने उच्च स्तरीय निगरानी समिति का गठन

Bilaspur: High-level monitoring committee constituted to ensure quality of construction and work within time-limit

बिलासपुर। राज्य शासन ने नगरीय निकायों में निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्तायुक्त निर्माण कार्य पूर्ण कराने तथा परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा के लिए विभागीय उच्च स्तरीय निगरानी समिति (DHLMC) का गठन किया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने मंत्रालय से समिति के गठन का आदेश जारी किया है। विभाग ने समिति के कर्तव्यों और समीक्षा की प्रक्रिया निर्धारित करते हुए संबंधितों को आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने पर विशेष जोर दे रहे हैं। उन्होंने विभागीय समीक्षा बैठकों में इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया है।

नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा गठित उच्च स्तरीय निगरानी समिति का विस्तार राज्य के सभी नगरीय निकायों में होगा। समिति नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री/भारसाधक मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करेगी। विभागीय सचिव द्वारा सौंपी गई अन्य योजनाओं/परियोजनाओं की समीक्षा भी समिति द्वारा की जाएगी। शासन स्तर पर विभागीय उप सचिव उच्च स्तरीय निगरानी समिति के नोडल अधिकारी और विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी (तकनीकी) सहायक नोडल अधिकारी होंगे। संचालनालय स्तर पर अपर संचालक नोडल अधिकारी तथा मुख्य अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे।

सूडा (State Urban Development Agency) स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी समिति के नोडल अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी या उप मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहायक नोडल अधिकारी होंगे। निगम स्तर पर नोडल अधिकारी संबंधित आयुक्त, और वरिष्ठतम अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे। वहीं क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर संयुक्त संचालक नोडल अधिकारी और कार्यपालन या अधीक्षण अभियंता सहायक नोडल अधिकारी होंगे। नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी नोडल अधिकारी और वरिष्ठतम अभियंता समिति के सहायक नोडल अधिकारी होंगे।

विभाग द्वारा उच्च स्तरीय निगरानी समिति गठित करने के संबंध में जारी आदेश के अनुसार सूडा द्वारा समिति के लिए ऑनलाइन पोर्टल का निर्माण/व्यवस्था की जाएगी। संचालनालय द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के लिए आवश्यकतानुसार राशि प्रदान की जाएगी। समिति द्वारा सभी परियोजनाओं की समीक्षा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।

इस तरह से होगी कार्यों की समीक्षा

नगरीय निकायों के नोडल अधिकारी हर 15 दिनों में परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर ऑनलाइन पोर्टल में कार्यवाही विवरण दर्ज करेंगे। नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में 45 दिनों में संचालनालय/सूडा स्तर पर समीक्षा की जाएगी। नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों की निकाय स्तर पर समीक्षा के बाद हर माह क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर प्रगति की समीक्षा की जाएगी। वहीं नगर निगमों में निकाय स्तरीय समीक्षा के बाद हर महीने संचालनालय/सूडा स्तर पर समीक्षा की जाएगी। शासन स्तर पर उप सचिव द्वारा प्रत्येक तिमाही में प्राप्त प्रतिवेदनों की समीक्षा की जाएगी। अलग-अलग स्तर के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा महत्वपूर्ण योजनाओं की प्रगति का स्थल निरीक्षण भी किया जाएगा।

विभागीय उच्च स्तरीय निगरानी समिति की निर्धारित समीक्षा बैठकें आयोजित कराने के लिए सूडा द्वारा अलग से विभागीय उच्च स्तरीय निगरानी प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव द्वारा विभागीय उच्च स्तरीय निगरानी समिति के कार्यों की आवश्यकतानुसार समीक्षा के साथ ही छह महीने में एक बार समीक्षा अवश्य की जाएगी। सूडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा विभागीय उच्च स्तरीय निगरानी समिति के कार्यों का प्रतिवेदन हर तीन महीने में विभागीय सचिव को भेजा जाएगा।

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