छत्तीसगढ़रेलवे

बिलासपुर, भारतीय रेल: केंद्रीय मंत्री के जीजा के गायब होने पर रेलवे ने दिखाई तत्परता, अलग अंदाज में हुआ सफल रेस्क्यू…

Bilaspur, Indian Railways: Railway showed promptness on disappearance of Union Minister's brother-in-law, successful rescue happened in a different style...

हाल ही में भारतीय रेलवे के एक दिलचस्प और फिल्मी अंदाज में रेस्क्यू का मामला सामने आया, जब केंद्रीय मंत्री तोखन साहू के जीजा राजेश कुमार साहू के गुम होने की खबर से रेलवे के पूरे सिस्टम को हिला दिया। जैसे ही उनके लापता होने की सूचना मिली, रेलवे ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी और कुछ ही घंटों के भीतर राजेश साहू को सुरक्षित ढूंढ लिया गया। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय रेलवे सिर्फ यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि आपात स्थितियों में तेज़ और संगठित प्रतिक्रिया देने में भी सक्षम है।

यह घटना तब घटित हुई जब राजेश कुमार साहू अपने परिवार के साथ दिल्ली से बिलासपुर आ रही राजधानी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे थे। गोंदिया स्टेशन पर कुछ कारणों से वे ट्रेन से उतर गए, और जैसे ही ट्रेन आगे बढ़ी, उनका परिवार इस बात से अनजान था कि राजेश ट्रेन में नहीं थे। जब परिवार ने देखा कि राजेश कुमार गायब हैं, तो उन्होंने तुरंत केंद्रीय मंत्री तोखन साहू को सूचना दी।

जैसे ही मंत्री तोखन साहू को खबर मिली, उन्होंने तुरंत रेल मंत्रालय को इस घटना के बारे में सूचित किया। इसके बाद रेलवे की सुरक्षा बल आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) और कई अन्य रेलवे टीमों ने सक्रिय रूप से कार्यवाही शुरू कर दी। बिलासपुर, रायपुर, और नागपुर डिवीजन की टीमें तुरंत हरकत में आईं और ट्रेनों की तलाशी शुरू कर दी।

कुछ घंटों की कड़ी मेहनत के बाद, रायपुर डिवीजन की आरपीएफ स्काट टीम के उपनिरीक्षक एसडी घोष ने राजेश कुमार साहू को इंटरसिटी एक्सप्रेस के जनरल कोच में पाया। पूछताछ के बाद, उन्हें सही-सलामत बिलासपुर लाया गया। उनके सुरक्षित लौटने की खबर मिलते ही बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोग उनका स्वागत करने के लिए जमा हो गए।

इस घटना ने भारतीय रेलवे के कर्मचारियों और आरपीएफ टीम की तत्परता और चुस्ती को उजागर किया है। रेलवे की ओर से दी गई त्वरित प्रतिक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि मंत्री के रिश्तेदार को सही समय पर ढूंढा जा सके और कोई अप्रिय घटना घटने से रोकी जा सके। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के जीएम ने भी इस मौके पर आरपीएफ की टीम की सराहना करते हुए इस सफलता की जानकारी साझा की। केंद्रीय मंत्री के परिवार से संबंधित यह मामला जरूर था, लेकिन जिस प्रकार रेलवे की टीम ने इसे गंभीरता से लिया और त्वरित कार्रवाई की, वह काबिल-ए-तारीफ है।

error: Content is protected !!