बिलासपुर। सिम्स मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में सुरक्षा अव्यवस्था का एक और शर्मनाक मामला सामने आया है। रविवार रात को अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीज के अटेंडर के साथ अस्पताल के भोजन ठेकेदार के सुपरवाइजर द्वारा छेड़छाड़ की गई। इस घटना से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर तब जब कोलकाता जैसी घटनाओं के बाद भी सुरक्षा में कोई सुधार नहीं हुआ है।
रविवार रात 10 बजे के आसपास यह घटना हुई, जब सुपरवाइजर ने वार्ड में भर्ती मरीज की अटेंडर युवती से छेड़छाड़ की। स्थिति तब और बिगड़ गई जब एक अन्य महिला ने इस छेड़छाड़ को देखा और सुपरवाइजर से सवाल किया। विवाद इतना बढ़ा कि मामला मारपीट तक पहुँच गया। युवती की चीख-पुकार सुनकर 10 से 12 इंटर्न डॉक्टर तुरंत वार्ड में पहुंचे और सुपरवाइजर की पिटाई कर दी।
घटना के बाद, अस्पताल प्रबंधन ने ठेकेदार से सुपरवाइजर को तुरंत काम से निकालने का निर्देश दिया। हालाँकि, पीड़िता ने इस मामले की शिकायत अधीक्षक कार्यालय में की, जिससे मामला सार्वजनिक हो गया। अस्पताल प्रबंधन ने पहले तो इस घटना को दबाने की कोशिश की, लेकिन मीडिया में खबर आने के बाद जांच की प्रक्रिया शुरू की गई।
इस गंभीर घटना के बावजूद अस्पताल प्रबंधन के पास कोई सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं है। अस्पताल के 52 कैमरों में से केवल 5 ही चालू हैं, जबकि 47 कैमरे बंद पड़े हैं। कैमरों की मरम्मत के लिए रखरखाव कंपनी को पहले ही सूचित किया गया था, लेकिन एक महीने बाद भी सुधार नहीं हुआ। अस्पताल में कैमरों के खराब होने के कारण इस घटना से जुड़े ठोस सबूत जुटाना मुश्किल हो गया है।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब सिम्स अस्पताल में इस तरह की घटना घटी हो। पहले भी कई बार छेड़छाड़, प्रताड़ना और चोरी के मामले सामने आए हैं। कुछ समय पहले इंटर्न महिला डॉक्टरों ने एक प्रोफेसर पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे, जिसके बाद जांच कमेटी बनाई गई थी। इसी प्रकार अस्पताल में एसी के कॉपर वायर और अन्य सामग्रियों की चोरी भी आम हो गई है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कमी के कारण दोषियों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है।
सिम्स के अधीक्षक डॉ. एसके नायक ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और दोषी सुपरवाइजर को नौकरी से हटा दिया गया है। ठेकेदार मिनेश चरण ने भी कहा कि सुपरवाइजर को तुरंत निकाल दिया गया है और वह अब दोबारा अस्पताल में काम नहीं करेगा।
सिम्स अस्पताल में इस प्रकार की घटनाएँ अस्पताल की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। मरीज और उनके परिजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। साथ ही सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत और अन्य सुरक्षा उपायों में सुधार किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।