राजनीति

छत्तीसगढ़: महिला कांग्रेस ने मुख्यमंत्री निवास का किया घेराव, शक्तिरूप में उठाई महिलाओं के खिलाफ अपराधों की आवाज…

Chhattisgarh: Women Congress gheraoed the Chief Minister's residence, raised their voice against crimes against women in a powerful manner...

रायपुर। छत्तीसगढ़ में महिलाओं और बेटियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और दुष्कर्म के बढ़ते मामलों पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए महिला कांग्रेस ने एक बार फिर से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। राज्य भर से एकत्रित महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने राजधानी में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने भाजपा की सत्तारूढ़ साय सरकार पर जोरदार हमला बोला।

इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष दीदी फूलोदेवी ने इस कार्यक्रम में विशेष रूप से भाग लिया और कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उनके शासनकाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भारी वृद्धि हुई है और सरकार इन मामलों पर अंकुश लगाने में असफल रही है।

महिला कांग्रेस की इस विशाल रैली में सांसद ज्योत्सना महंत और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ कई विधायकों, पूर्व विधायकों और संगठन के प्रमुख नेताओं ने भी हिस्सा लिया। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचारों पर रोक नहीं लगाई गई, तो विरोध और अधिक तीव्र हो जाएगा।

विरोध की मुख्य मांगे

महिला कांग्रेस ने सरकार से कुछ प्रमुख मांगें रखीं:

1. महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम: प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म और महिला अत्याचार के मामलों को देखते हुए, उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा बल का गठन करने और कानून व्यवस्था में सख्ती लाने की मांग की।

2. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई: महिला कांग्रेस ने यह भी मांग की कि दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए, ताकि ऐसे अपराधियों को कड़ा संदेश मिल सके।

3. महिलाओं के लिए न्याय: न्यायिक प्रणाली में तेजी लाने की मांग की गई ताकि पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय मिल सके और अपराधियों को सजा देने में कोई देरी न हो।

यह विरोध प्रदर्शन केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह महिलाओं की पीड़ा और उनके सम्मान के लिए खड़े होने का प्रतीक था। प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस की नेत्रियों ने अपने भाषणों में नारीशक्ति की अहमियत पर जोर दिया और बताया कि महिलाएं केवल शोषण का शिकार नहीं होंगी, बल्कि वे अपने हक के लिए लड़ेंगी और अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगी।

इस कार्यक्रम से यह स्पष्ट हो गया कि महिला कांग्रेस ने अपने संगठन की ताकत को फिर से एकत्रित कर राज्य की महिलाओं के लिए संघर्ष का बिगुल बजा दिया है। आने वाले दिनों में इस विरोध की गूंज निश्चित रूप से सरकार और प्रशासन तक पहुंचेगी और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए उन पर दबाव डालेगी।

महिला कांग्रेस द्वारा किया गया यह विरोध प्रदर्शन राज्य की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता पर सवाल खड़ा करता है। राज्य में बढ़ते अपराधों के खिलाफ महिलाओं की एकजुटता और उनके हक के लिए खड़े होने की यह भावना एक सकारात्मक संकेत है। इससे यह स्पष्ट हो गया कि अब महिलाएं अपने अधिकारों के लिए संगठित हो चुकी हैं और सरकार को मजबूर करेंगी कि वह उनके खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाने के लिए उचित कदम उठाए।

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