Chhattisgarh news: रायपुर के प्रमुख निजी अस्पताल, एमएमआई नारायण हृदयालय में हाल ही में एक महिला मरीज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन और उसकी कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतक महिला के परिवारजनों द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि अस्पताल के गलत उपचार और अव्यवस्थित रेफर प्रक्रिया के कारण उनकी प्रियजन की जान चली गई।
मृतक महिला को करीब 10 दिनों तक एमएमआई अस्पताल में भर्ती रखा गया था। इस दौरान परिजनों ने अस्पताल पर लगातार इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए, लेकिन अस्पताल की तरफ से यह कहा गया कि महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए हैदराबाद रेफर किया जाएगा। रेफर करने के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई और इसके लिए परिजनों से अस्पताल ने 10 लाख रुपये इलाज और 6 लाख रुपये एयर एंबुलेंस के लिए मांगे।
परिजन इस बात से बेहद परेशान हुए कि एयर एंबुलेंस की व्यवस्था भी ठीक तरह से नहीं की गई थी। एंबुलेंस में मौजूद मेडिकल उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहे थे, और न ही कोई डॉक्टर या नर्स एंबुलेंस के साथ थे। जैसे-तैसे महिला को माना एयरपोर्ट से उड़ान भरवाया गया, लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही कि 15 मिनट के भीतर ही एंबुलेंस को वापस रायपुर के माना एयरपोर्ट पर उतार लिया गया।
महिला को वापस एमएमआई अस्पताल लाया गया, लेकिन थोड़ी ही देर बाद उसकी मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने इस पूरी प्रक्रिया को अस्पताल की लापरवाही करार दिया और दावा किया कि अस्पताल ने उनके साथ धोखाधड़ी की। उनका कहना है कि एक तरफ अस्पताल ने लाखों रुपये इलाज और एयर एंबुलेंस के नाम पर वसूले, जबकि दूसरी तरफ मरीज को सही चिकित्सा सुविधाएं नहीं दी गईं।
मृतक के बेटे और भतीजों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ गुस्से का इज़हार किया और आम जनता से अपील की कि वे इस अस्पताल में अपने किसी भी परिजन को भर्ती न कराएं, क्योंकि यह अस्पताल केवल पैसों के पीछे है और मरीजों की जान की कोई परवाह नहीं करता।
यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद शहर भर में इस मुद्दे पर चर्चा शुरू हो गई। स्थानीय नागरिकों और अन्य मरीजों के परिजनों ने भी इस मामले पर सवाल उठाए हैं। यह घटना चिकित्सा सेवाओं पर भरोसे को हिलाने वाला है और लोगों में अस्पतालों की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजगी है।
हालांकि, एमएमआई अस्पताल की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा जांच की मांग की जा रही है।