रायपुर। कैंसर के इलाज को उत्कृष्ट और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) में वार्षिक छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव का आयोजन हुआ। इस कॉन्क्लेव में जटिल कैंसर सर्जरी में उन्नत तकनीकों के उपयोग को प्रस्तुत करते हुए टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के प्रमुख कैंसर विशेषज्ञों ने लाइव सर्जिकल प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य आकर्षण रहा ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) तकनीक और माइक्रोसॉफ्ट होलोलेंस 2 का उपयोग, जिसने मध्य भारत में पहली बार जटिल कैंसर सर्जरी में 3डी विज़ुअलाइज़ेशन के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
इस कॉन्क्लेव में 120 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिसमें सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकियों और विचारों का आदान-प्रदान हुआ। प्रमुख सर्जनों ने पैनक्रिएटिक और गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज के लिए 3डी होलोग्राफिक इमेजिंग का इस्तेमाल करते हुए सर्जिकल प्रक्रियाओं का प्रदर्शन किया। माइक्रोसॉफ्ट होलोलेंस 2 के माध्यम से सर्जन अब पारंपरिक 2डी इमेजिंग जैसे सीटी और एमआरआई स्कैन को इंटरेक्टिव 3डी होलोग्राम में बदल सकते हैं, जिससे ऑपरेटिव प्लानिंग में बेहतर सटीकता प्राप्त की जा सकती है।
3डी इमेजिंग की नई तकनीक का महत्व
ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) ने सर्जनों को शरीर के अंदरूनी हिस्सों की जटिलताओं को बेहतर ढंग से समझने में सहायता दी। टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के उप निदेशक और कैंसर सर्जरी के प्रमुख डॉ. शैलेश वी. श्रीखंडे ने पैनक्रिएटिक सर्जरी के जटिलता को समझाते हुए कहा, “पैन्क्रियाटोड्यूओडेनेक्टॉमी (व्हिपल प्रक्रिया) जैसी सर्जरी के दौरान इस तकनीक का उपयोग सर्जनों को ट्यूमर और वैस्कुलर संरचनाओं की सटीकता के साथ पहचानने में मदद करता है। इस तकनीक का उपयोग जटिलताओं को कम करने और रोगी के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे बताया कि पैनक्रिएटिक कैंसर के जटिल सर्जरी करने के तरीके में होलोलेंस की तकनीक ने एक तकनीकी क्रांति ला दी है। 3डी होलोग्राफिक इमेजिंग के जरिए सर्जन जटिल सर्जरी की चुनौतियों से अधिक सटीकता के साथ निपट सकते हैं और इस तकनीक का उपयोग नए सर्जनों को प्रशिक्षित करने में भी सहायक साबित हो रहा है।
लाइव सर्जिकल प्रदर्शन का अनुभव
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलियरी सर्जन और प्रोफेसर मनीष भंडारे ने गैस्ट्रिक कैंसर की सर्जरी करते हुए लाइव सर्जरी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के लाइव सत्र सर्जनों के लिए कैंसर प्रबंधन में नई तकनीकों को सीखने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करते हैं। यह जानकारी वास्तविक समय में साझा करने से सर्जनों की सामूहिक क्षमता में सुधार होता है, जिससे मरीजों को बेहतर उपचार मिल पाता है।
ऑगमेंटेड रियलिटी की शक्ति
बालको मेडिकल सेंटर के कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. श्रवण नादकर्णी ने कहा कि ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग भारत में सर्जिकल परिणामों को बदलने में क्रांतिकारी भूमिका निभा सकता है। यह पहली बार है कि मध्य भारत में इस तकनीक का उपयोग कैंसर सर्जरी के दौरान हो रहा है, जो ट्यूमर मार्जिन और संवहनी संरचनाओं का सही मूल्यांकन करने में मदद करता है। इससे न केवल सर्जरी अधिक सटीक होती है, बल्कि रोगियों को बेहतर परिणाम मिलते हैं।
बालको मेडिकल सेंटर के सर्जिकल और क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. मौ रॉय ने भी इस बात पर जोर दिया कि पश्चिमी देशों में यह तकनीक बड़े पैमाने पर उपयोग की जा रही है और अब यह भारत में भी अपनी पहचान बना रही है। सर्जरी के दौरान एआर तकनीक को अपनाने से सर्जिकल सटीकता बढ़ेगी और रोगियों की बेहतर देखभाल सुनिश्चित की जा सकेगी।
अत्याधुनिक कैंसर देखभाल की ओर मील का पत्थर
बालको मेडिकल सेंटर की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने इस कॉन्क्लेव के सफल आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों और ऑन्कोलॉजिस्ट के इस आयोजन ने कैंसर देखभाल में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। “हमारा उद्देश्य किफायती और उच्च गुणवत्ता वाला उपचार प्रदान करना है, और इस तरह के कार्यक्रम हमारी यात्रा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं,” उन्होंने कहा।
कुल मिलाकर, यह कैंसर कॉन्क्लेव न केवल भारत के कैंसर देखभाल क्षेत्र में नई तकनीकों के प्रवेश को दर्शाता है, बल्कि भविष्य में रोगियों के लिए बेहतर उपचार विकल्प प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है।