बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्वेद विज्ञान संस्थान (सिम्स) को नया नेतृत्व मिल गया है, जब मंगलवार को डॉ. रमणेश मूर्ति ने संस्थान के डीन के रूप में अपना पदभार संभाला। अस्पताल के उच्चाधिकारियों और मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति में उन्होंने औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण किया। यह उनके लिए एक परिचित जिम्मेदारी है, क्योंकि इससे पहले भी वे सिम्स के प्रबंधन का नेतृत्व कर चुके हैं।
पदभार ग्रहण करते ही डॉ. मूर्ति ने सिम्स की चिकित्सा सेवाओं और शिक्षा प्रणाली को सुधारने की अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने कहा कि उनका प्राथमिक लक्ष्य संस्थान में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना और मेडिकल छात्रों के लिए उत्कृष्ट प्रशिक्षण व्यवस्था प्रदान करना होगा। उनका मानना है कि सिम्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का उद्देश्य सिर्फ मरीजों के इलाज तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि चिकित्सा शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सिम्स की इस नई शुरुआत से पहले, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा लिए गए एक बड़े निर्णय ने संस्थान को सुर्खियों में ला दिया था। सोमवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान डीन डॉ. के. के. सहारे और मेडिकल सुपरिटेंडेंट एस. के. नायक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इन दोनों अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितताओं और संस्थान के संचालन में भारी लापरवाही का आरोप लगाया गया था।
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, सिम्स में लंबे समय से अव्यवस्था फैली हुई थी और अस्पताल के कामकाज को लेकर जनप्रतिनिधियों और मरीजों की शिकायतें आ रही थीं। इन शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए मंत्री ने सख्त कार्रवाई की और उच्च अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
डॉ. मूर्ति के नेतृत्व में सिम्स को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है। वे संस्थान में चल रही अव्यवस्थाओं को ठीक करने और मरीजों के इलाज की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही, छात्रों को बेहतर शिक्षण और प्रशिक्षण देने के लिए वे नए सुधारों की दिशा में काम करेंगे।
सिम्स जैसे महत्वपूर्ण संस्थान के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, जहां डॉ. मूर्ति के अनुभव और नेतृत्व के साथ संस्थान का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है। उनके कार्यभार संभालने से संस्थान में सकारात्मक बदलाव की उम्मीदें जगी हैं।
सिम्स के नए डीन डॉ. रमणेश मूर्ति का कार्यभार संभालना संस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी प्राथमिकता मरीजों के इलाज में सुधार और छात्रों को बेहतर शिक्षा देने पर केंद्रित होगी। वहीं, पूर्व डीन और मेडिकल सुपरिटेंडेंट के निलंबन से संस्थान को एक नई दिशा मिल सकती है। अब यह देखना होगा कि डॉ. मूर्ति के नेतृत्व में सिम्स किस तरह से प्रगति करता है।