Sunday, December 22, 2024
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छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मंदिरों में इसी ब्रांड के घी के उपयोग का निर्देश: तिरुपति मंदिर में इस्तेमाल किए गए घी विवाद के बाद…आया आदेश…

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के मंदिरों में प्रसाद बनाने और ज्योत जलाने के लिए केवल ‘देवभोग’ ब्रांड के घी का उपयोग करने का निर्देश जारी किया है। यह कदम रायपुर के तिरुपति मंदिर में प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी को लेकर उठे विवाद के बाद आया है, जिसने राज्य के धार्मिक मामलों में एक अहम मुद्दे को जन्म दिया। प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त ने राज्य के सभी कलेक्टरों को एक पत्र जारी किया है, जिसमें यह निर्देश दिया गया है कि शारदीय नवरात्र के दौरान शक्तिपीठों और देवी मंदिरों में केवल इसी ब्रांड का घी इस्तेमाल किया जाए।

‘देवभोग’ छत्तीसगढ़ राज्य का सरकारी ब्रांड है, जो कृषि और पशुपालन विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। यह ब्रांड सरकारी मान्यता प्राप्त और गुणवत्ता में उच्च माना जाता है, जिसका उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं तक शुद्ध और उच्च गुणवत्ता का घी और अन्य डेयरी उत्पाद पहुंचाए जाएं। इस ब्रांड को बढ़ावा देने के पीछे सरकार की मंशा राज्य के डेयरी उत्पादों की बिक्री और उनकी गुणवत्ता को सुनिश्चित करना है।

सरकार द्वारा मंदिरों में ‘देवभोग’ ब्रांड के घी को अनिवार्य करने का निर्णय एक व्यापक कदम है, जो धार्मिक स्थलों में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों की शुद्धता और गुणवत्ता को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। धार्मिक स्थलों पर प्रसाद और ज्योत के लिए शुद्धता और पवित्रता का विशेष महत्व होता है। सरकार का यह फैसला न केवल उपभोक्ताओं में विश्वास पैदा करेगा, बल्कि इसे एक सकारात्मक आर्थिक कदम के रूप में भी देखा जा सकता है।

यह निर्णय नवरात्र जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक अवसरों के दौरान लागू किया गया है, जब राज्य के विभिन्न हिस्सों में देवी मंदिरों और शक्तिपीठों में बड़ी संख्या में भक्त जुटते हैं। ऐसे में घी की शुद्धता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है, ताकि धार्मिक क्रियाकलापों में उपयोग किए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता में कोई समझौता न हो।

इस निर्देश का एक महत्वपूर्ण आर्थिक पहलू भी है। ‘देवभोग’ ब्रांड का घी सरकारी उत्पाद है, इसलिए इसे अनिवार्य करने से इस ब्रांड की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है। इसका सीधा लाभ राज्य के डेयरी उद्योग को मिलेगा, जो सरकार की ‘देवभोग’ ब्रांड को एक स्थापित नाम बनाने की कोशिशों का हिस्सा है। इसके अलावा, स्थानीय किसानों और डेयरी उत्पादकों को भी इससे प्रोत्साहन मिलेगा, क्योंकि यह राज्य के उत्पादों को एक स्थायी बाजार प्रदान करता है।

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