बिलासपुर। पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है, और सरकार की नियंत्रण क्षमता पर गहरा संदेह जताया है। उनका कहना है कि प्रदेश में तब तक कोई कार्रवाई नहीं होती, जब तक कि उच्च न्यायालय का संज्ञान या मीडिया द्वारा मामले की गहराई से पड़ताल न की जाए। पांडेय ने मौजूदा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “जब तक राज्यपाल मीटिंग नहीं लेते, तब तक सरकार गंभीरता से काम नहीं करती।”
शैलेश पांडेय ने इस बयान के माध्यम से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, खासकर जेपी नड्डा को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि छत्तीसगढ़ में मौजूदा सरकार की स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि इसे अब बदलने का समय आ गया है। उनका कहना है कि “प्रदेश में अपराधों का स्कोर सरकार ने बहुत ऊँचा खड़ा कर दिया है,” और जनता अब सरकार से त्रस्त और असुरक्षित महसूस कर रही है।
शैलेश पांडेय का आरोप है कि छत्तीसगढ़ के हर जिले में अपराधों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। चाहे राजधानी रायपुर हो, न्यायधानी बिलासपुर हो, या फिर बस्तर और सरगुजा के दूरस्थ इलाके—हर जगह अपराधों की बाढ़ आ गई है। हत्याएं, लूट, बलात्कार, और चाकूबाजी जैसी घटनाएँ आम होती जा रही हैं, जिससे प्रदेश में डर का माहौल व्याप्त हो गया है। पांडेय ने कहा कि बीजेपी के विधायक भी अब डर में जी रहे हैं और मुख्यमंत्री से सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जिससे प्रदेश की कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति उजागर होती है।
पांडेय का मानना है कि प्रदेश की जनता अब सरकार से पूरी तरह मोहभंग हो चुकी है। सरकार द्वारा जनादेश का अपमान और प्रशासन की लापरवाही ने जनता के विश्वास को गहरा आघात पहुंचाया है। उन्होंने सरकार पर निरंकुश होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। राज्य की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि पुलिस प्रशासन की बर्बरता सामने आ रही है, जो यह दर्शाता है कि कानून व्यवस्था अब सरकार के नियंत्रण में नहीं रही।
विशेष रूप से बलौदा बाजार और कवर्धा की घटनाओं का उल्लेख करते हुए पांडेय ने कहा कि इन स्थानों पर पुलिस का बर्बर रवैया यह साबित करता है कि हालात नियंत्रण से बाहर हैं। मासूम बच्चियों तक की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पा रही है, जो समाज में एक भयावह संकेत है।
शैलेश पांडेय का यह बयान सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। प्रदेश की बढ़ती आपराधिक घटनाएँ और जनता में व्याप्त असुरक्षा की भावना इस बात का संकेत है कि सरकार कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल रही है। पांडेय के अनुसार, अब समय आ गया है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन की घोषणा की जाए, ताकि जनता को एक सुरक्षित और जवाबदेह शासन मिल सके।