छत्तीसगढ़ में राजनीतिक और कानूनी घटनाओं ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब पुलिस ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से पूछताछ की। मामला 19 जुलाई को डॉ. खूबचंद बघेल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हुए जानलेवा हमले का है। पुलिस इस मामले में सक्रिय रूप से जांच कर रही है और कई लोगों से पूछताछ की जा रही है, जिसमें चैतन्य बघेल और उनकी बेटी के बयान भी शामिल हैं।
घटना की शुरुआत 19 जुलाई को हुई, जब भिलाई के ग्रीन वेली में रहने वाले 57 वर्षीय असिस्टेंट प्रोफेसर विनोद शर्मा पर 6 युवकों ने हमला किया। बाइक पर सवार हमलावरों ने रास्ते में प्रोफेसर को रोका और रॉड और डंडों से बुरी तरह पीटा। इस हमले में शर्मा को गंभीर चोटें आईं, उनके शरीर में 18 जगहों पर फ्रैक्चर हुए, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो गई। हमले का उद्देश्य और इसके पीछे के कारणों की पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है, लेकिन घटना ने पूरे इलाके में तनाव फैला दिया है।
दुर्ग पुलिस ने इस मामले में अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। फरार आरोपियों की तलाश जारी है, जिनमें प्रोबीर शर्मा, शिवम मिश्रा, और धीरज वस्त्रकार मुख्य संदिग्ध बताए जा रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है और उनके पोस्टर भिलाई के कई इलाकों में लगाए गए हैं। इन आरोपियों पर 10-10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है, ताकि जनता से सूचना मिलने पर उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
इस घटना ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है, क्योंकि चैतन्य बघेल से पूछताछ के बाद भिलाई चरोदा नगर निगम के महापौर और कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष समेत 50 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता थाना के बाहर जुटे। वे चैतन्य बघेल का समर्थन कर रहे हैं, जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह जमावड़ा संकेत देता है कि मामला सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि राजनीतिक भी हो सकता है।
असिस्टेंट प्रोफेसर विनोद शर्मा पर हुए हमले का मामला अब सिर्फ एक आपराधिक घटना तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसमें राजनीतिक और सामाजिक पहलू भी जुड़े नजर आ रहे हैं। पुलिस की जांच जारी है, लेकिन इस मामले में विभिन्न परतें खुलने की संभावना बनी हुई है।