बिलासपुर। जिला कलेक्टर अवनीश शरण ने मंथन सभाकक्ष में विभिन्न कार्य एजेंसियों की बैठक लेकर जिले में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक का उद्देश्य निर्माण कार्यों की गति और गुणवत्ता का आकलन करना और जिन कार्यों की शुरुआत नहीं हुई है, उन्हें निरस्त करने के निर्देश देना था। बैठक में जिला पंचायत सीईओ आरपी चौहान सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
डीएमएफ के अप्रारंभ कार्य होंगे निरस्त
कलेक्टर ने निर्देश दिया कि जिला खनिज निधि (DMF) के अंतर्गत स्वीकृत लेकिन अब तक शुरू नहीं हुए कार्यों को निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि मानसून अब समाप्त हो रहा है, और इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए 15 अक्टूबर से सड़कों की मरम्मत के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिया कि कार्यों को तेज गति से और गुणवत्ता के साथ तय समयसीमा में पूरा किया जाए।
प्रधानमंत्री आवास योजना में गति लाने के निर्देश
कलेक्टर ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत भवनों के निर्माण कार्य को 3 से 5 अक्टूबर के बीच शुरू करने का निर्देश दिया। इसके लिए गांवों में भूमि पूजन उत्सव आयोजित किया जाएगा, जबकि जो भवन पहले ही बनकर तैयार हो चुके हैं, उनमें गृह प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि इस योजना में किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और जनपद पंचायत के सीईओ इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
ग्राम पंचायतों को दिए गए कार्यों पर जोर
कलेक्टर ने कहा कि पंचायत चुनाव निकट हैं, इसलिए जिन निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दी गई है, उन्हें दो महीने के भीतर पूरा करना अनिवार्य है। इसके अलावा, उन्होंने हाई कोर्ट के अधिकारियों के ठहरने के लिए बोदरी में स्वीकृत विश्राम गृह के निर्माण कार्य को भी शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
ठेकेदारों के भुगतान में विलंब नहीं
कलेक्टर ने ठेकेदारों के लंबित भुगतान की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ठेकेदारों के भुगतान में किसी भी प्रकार की देरी न हो, ताकि उनका काम प्रभावित न हो। राज्य सरकार ने तत्काल भुगतान के निर्देश दिए हैं, ताकि कार्यों में गति बनी रहे।
भूमि विवाद के निपटारे पर विशेष ध्यान
बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कोई भी जनहित प्रोजेक्ट भूमि विवाद के कारण लंबित न हो। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे मामलों में तुरंत एसडीएम से संपर्क करें और विवाद को प्राथमिकता से सुलझाएं। इसके साथ ही, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत की गई भूमि का रिकॉर्ड सही तरीके से भू-अभिलेखों में दर्ज हो, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सके।
विकास कार्यों की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश
कलेक्टर ने अब तक जिले में पूरे हो चुके विकास कार्यों और नए स्वीकृत कार्यों की सूची जिला कार्यालय में भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, मुख्यमंत्री स्कूल जाता योजना के अंतर्गत सत्यापन रिपोर्ट तीन दिन के भीतर उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
इस समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी, राष्ट्रीय राजमार्ग, जल संसाधन, पीएमजीएसवाई, सीएमजीएसवाई, गृह निर्माण मंडल, सीजीएमएससी आदि विभागों के कामकाज की भी समीक्षा की। उनका जोर निर्माण कार्यों को सुचारू रूप से और समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर था, ताकि जिले में विकास कार्यों को समय पर पूरा किया जा सके और जनता को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
इस बैठक में कलेक्टर अवनीश शरण द्वारा दिए गए निर्देश से साफ है कि वे जिले के निर्माण कार्यों को गति देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका ध्यान काम की गुणवत्ता के साथ-साथ समयबद्धता पर भी है, ताकि जिले के विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी न हो और जनहित के प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके।