बिलासपुर। पुलिस बल का मुख्य कार्य समाज में अपराध पर नियंत्रण रखते हुए आम जनता को सुरक्षा और भयमुक्त वातावरण प्रदान करना है। इसके साथ ही, पुलिसकर्मियों से उच्च स्तर की ईमानदारी, निष्ठा, और अनुशासन की अपेक्षा की जाती है। लेकिन जब पुलिस बल के किसी सदस्य की संलिप्तता आपराधिक गतिविधियों में पाई जाती है, तो यह पुलिस विभाग की छवि पर एक गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देता है। ऐसे मामलों में अनुशासनहीनता पर सख्त कार्रवाई आवश्यक हो जाती है, ताकि पुलिस विभाग की विश्वसनीयता और निष्पक्षता बरकरार रहे।
हाल ही में, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में एक ऐसा ही कठोर कदम उठाया गया है, जहां आरक्षक 1482 बी. अनिल राव को उनकी संदिग्ध गतिविधियों के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। यह कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि आरक्षक अनिल राव पर थाना सिविल लाइन के अप.क्र. 362/2023 धारा 20 बी एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत आपराधिक प्रवृत्ति के आरोपी मुकेश साहू के साथ बार-बार फोन पर संपर्क में रहने का आरोप लगा।
जांच में पाया गया कि आरक्षक अनिल राव ने अपने विभागीय कर्तव्यों के प्रति गंभीर लापरवाही और निष्ठा का उल्लंघन किया है। पुलिस बल में रहते हुए इस प्रकार का आचरण पुलिस के उस आदर्श के विपरीत है, जिसे पुलिस बल में नियुक्त हर अधिकारी और कर्मचारी से अपेक्षित किया जाता है। आरक्षक अनिल राव का यह कृत्य न केवल विभागीय नियमों का उल्लंघन है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता था।
आरक्षक के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे, और जांच में उनके खिलाफ लगे आरोप प्रमाणित पाए गए। इस आधार पर पुलिस अधीक्षक ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए आरक्षक अनिल राव को तुरंत प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई पुलिस विभाग में अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का प्रमाण है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस विभाग में किसी भी प्रकार की अनुचित गतिविधियों या कर्तव्यहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाएगी, ताकि पुलिस बल की विश्वसनीयता और निष्ठा बनी रहे। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया और यह सुनिश्चित किया कि दोषियों को उनके कृत्य के लिए उचित दंड मिले।
इस कार्रवाई का संदेश साफ है—पुलिस बल में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा ही सर्वोपरि हैं, और जो भी इन मूल्यों से समझौता करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।