Saturday, December 21, 2024
Homeबिलासपुरगांधी जयंती के दिन अवैध शराब पर आबकारी विभाग बड़ी कार्रवाई, तालाब,...

गांधी जयंती के दिन अवैध शराब पर आबकारी विभाग बड़ी कार्रवाई, तालाब, पेड़ और मकानों से हुआ शराब बरामद…

भारत में महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को बड़े आदर और सम्मान के साथ मनाई जाती है। इस अवसर पर सरकार द्वारा देशभर में शुष्क दिवस घोषित किया जाता है, जिसके तहत मांस और मदिरा की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाता है। इसका उद्देश्य गांधी जी के आदर्शों और उनके शराबबंदी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। हालांकि, इस महान दिन की गरिमा को कमाई का जरिया बनाने वाले कुछ लोग अवैध शराब के कारोबार में लिप्त हो जाते हैं।

गांधी जयंती पर शुष्क दिवस के बावजूद शराब की मांग खत्म नहीं होती। खासकर उन जगहों पर, जहां शराब की खपत अधिक होती है, वहां अवैध शराब की आपूर्ति का काम गुपचुप तरीके से चलाया जाता है। बिलासपुर जिले के सकरी, बेलटुकरी और तखतपुर जैसे इलाकों में हाल ही में सामने आया मामला इसका ताजा उदाहरण है। आबकारी विभाग की सतर्कता और कार्रवाई के बावजूद, अवैध शराब के कारोबार में कमी नहीं आई है। कोचिये (अवैध शराब विक्रेता) हर साल नए-नए तरीके अपनाते हैं, ताकि वह शुष्क दिवस के दौरान भी शराब की आपूर्ति कर सकें।

 

बिलासपुर के सकरी और बेलटुकरी में आबकारी विभाग ने बुधवार को एक विशेष छापा मारा, जिसमें तालाब, पेड़ और मकानों में छुपाकर रखी गई शराब की बोतलों का खुलासा हुआ। तालाब में बोरियों के अंदर शराब की बोतलें छुपाकर रखी गई थीं, जिन्हें विभाग के अधिकारियों ने खोजकर जब्त किया। इसके अलावा, पेड़ों के बीच और घरों के अंदर भी शराब की बोतलें और जरकीनें छुपाई गई थीं।

इस कार्रवाई के दौरान आकाश पाल सहित कई अन्य आरोपी भी पकड़े गए, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, अभी तक पूरे इलाके में छापे जारी हैं और विभाग उम्मीद कर रहा है कि और भी अवैध शराब का भंडार पकड़ा जाएगा।

अवैध शराब कारोबार से न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन होता है, बल्कि इसका समाज पर भी गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे शुष्क दिवसों पर अवैध शराब का विक्रय, लोगों को आसानी से मदिरा उपलब्ध कराता है, जिससे शराब सेवन के प्रति संवेदनशील समाज पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके अतिरिक्त, अवैध शराब के सेवन से स्वास्थ्य समस्याओं और मौतों के मामले भी बढ़ते हैं।

सरकार और प्रशासनिक विभागों द्वारा शुष्क दिवस पर अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाते हैं, लेकिन यह केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है। समाज को भी इस दिशा में जागरूक होना चाहिए और शराब के नकारात्मक प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करना चाहिए।

गांधी जी ने हमेशा शराबबंदी की वकालत की थी और इसे समाज के पतन का एक मुख्य कारण बताया था। हमें उनके सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए शराबबंदी के उद्देश्य को सफल बनाने के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए। समाज में इस तरह के कृत्यों की निंदा और अवैध कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई ही इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है।

गांधी जयंती के अवसर पर शुष्क दिवस के दौरान अवैध शराब की आपूर्ति करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह समाज की नैतिकता पर भी एक बड़ा धक्का है। सरकार और जनता के सहयोग से ही इस प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कड़े कदम सराहनीय हैं, लेकिन इसके साथ-साथ समाज में भी एक सशक्त जनजागरण की आवश्यकता है, ताकि लोग न केवल शराब के नकारात्मक प्रभावों को समझें, बल्कि उन्हें रोकने में भी सक्रिय भागीदारी निभाएं।

spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!