बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा एप घोटाले का मामला प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह घोटाला हजारों करोड़ रुपये का बताया जा रहा है, जिसमें देशभर से जुड़े कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस हाई-प्रोफाइल घोटाले से जुड़ी एक बड़ी खबर में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने प्रमुख आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
महादेव सट्टा एप एक ऑनलाइन सट्टा प्लेटफॉर्म था, जो देशभर के विभिन्न हिस्सों में अवैध सट्टेबाजी और वित्तीय धोखाधड़ी में लिप्त पाया गया। इस प्लेटफॉर्म के जरिए बड़ी संख्या में लोगों से धोखाधड़ी कर पैसे ऐंठे गए। जांच एजेंसियों के मुताबिक, इस सट्टा एप के जरिए हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया गया।
इस घोटाले में प्रमुख आरोपी नितिन तिबरेवाल, सूरज चोखानी, अमित अग्रवाल और गिरीश तलरेजा जेल में बंद हैं। इन सभी ने अपनी जमानत के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की थीं। लेकिन जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता वाली अदालत ने सभी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में यह साफ किया कि घोटाले की गंभीरता और इसके व्यापक प्रभाव को देखते हुए आरोपियों की जमानत याचिकाएं स्वीकार नहीं की जा सकतीं। न्यायालय ने कहा कि इस मामले में समाज और देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है, और आरोपियों की भूमिका इसमें महत्वपूर्ण रही है। घोटाले की जांच अभी भी जारी है, और आरोपियों को जमानत पर रिहा करने से मामले की निष्पक्ष जांच पर असर पड़ सकता है।
महादेव सट्टा एप घोटाला सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का मुद्दा बन गया है। सट्टेबाजी और ऑनलाइन धोखाधड़ी से जुड़े इस मामले में कई राज्यों में भी छापेमारी की गई और अन्य संदिग्धों की भी तलाश की जा रही है। इसके चलते इस घोटाले का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है।
जमानत याचिकाओं के खारिज होने के बाद इन आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं, और अब उन्हें न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना होगा। अदालत के इस निर्णय से यह संदेश भी साफ हो गया है कि ऐसे बड़े आर्थिक अपराधों में शामिल लोगों को जमानत मिलने में कठिनाई होगी, और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा।