बिलासपुर जिले में तंबाकू और गुटका जैसे नशीले पदार्थों के अवैध विक्रय के खिलाफ प्रशासन द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। यह अभियान विशेष रूप से उन दुकानों और ठेलों पर केंद्रित था जो स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में संचालित हो रहे थे। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर इस अभियान का संचालन एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा किया गया।
कोटपा एक्ट और इसकी महत्ता:
कोटपा एक्ट (COTPA – Cigarettes and Other Tobacco Products Act), जो 2003 में भारत की संसद द्वारा पारित किया गया था, का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के सेवन और व्यापार को नियंत्रित करना है। इस कानून के तहत शैक्षणिक और स्वास्थ्य केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध है। इसके उल्लंघन पर भारी जुर्माना और दुकान सील करने जैसी सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।
कार्रवाई के प्रमुख बिंदु:
- – सघन जांच और कार्रवाई: इस अभियान के तहत शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में एक साथ कार्रवाई की गई। स्कूलों के आसपास स्थित दुकानों और ठेलों पर निरीक्षण किया गया, और अवैध रूप से बिक रहे हजारों नग गुटका, बीड़ी, सिगरेट, और गुड़ाकू जैसी सामग्री जब्त की गई।
– वित्तीय दंड: इस कार्रवाई में लाखों रुपए के जुर्माने वसूले गए। अकेले बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र में 22 हजार रुपए के चालान काटे गए। विभिन्न दुकानों और ठेलों पर कुल 40 हजार रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया गया।
– दुकानों की सीलिंग: कई दुकानों को सील किया गया जो बार-बार इस प्रतिबंध का उल्लंघन कर रही थीं। नूतन चौक, सरकंडा, गनियारी, उसलापुर, और अन्य क्षेत्रों में दुकानदारों और ठेला संचालकों पर कार्रवाई की गई।
हाई कोर्ट की सख्ती:
इस व्यापक कार्रवाई के पीछे छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की कड़ी नाराजगी भी एक प्रमुख कारण है। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने स्कूलों के पास बिक रहे नशीले पदार्थों की खबरों पर संज्ञान लेते हुए तत्काल जनहित याचिका के रूप में मामला दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अवकाश के दिन भी सुनवाई की, जिसमें राज्य सरकार, शिक्षा विभाग, कलेक्टर और एसपी बिलासपुर सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया।
जनता के लिए संदेश:
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य न सिर्फ कोटपा एक्ट का सख्ती से पालन करवाना है, बल्कि समाज में तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन को हतोत्साहित करना भी है। तंबाकू के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों से बचने के लिए यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है, और प्रशासन ने यह संकेत दिया है कि इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे।