नई दिल्ली। एनटीपीसी लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी एकीकृत पावर यूटिलिटी, ने अपने अभिनव और पर्यावरण के अनुकूल आवास समाधान ‘सुख’ इको-हाउस का अनावरण किया। यह फ्लाई ऐश आधारित इको-हाउस टिकाऊ, किफायती, और पर्यावरण के प्रति जागरूक ग्रामीण आवास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) 2024 में प्रस्तुत किया गया, जो प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित हो रहा है।
क्या है ‘सुख’ इको-हाउस?
एनटीपीसी का यह इको-हाउस 80% फ्लाई ऐश और राख-आधारित उत्पादों से निर्मित है, जो थर्मल पावर प्लांट्स का उपोत्पाद हैं। इसे इंटरलॉकिंग वॉल ब्लॉक्स की मदद से बनाया गया है, जिनके निर्माण में सीमेंट, स्टील, रेत, या मोर्टार की आवश्यकता नहीं होती। इस प्रक्रिया ने न केवल निर्माण लागत को कम किया है बल्कि पर्यावरणीय प्रभावों को भी काफी हद तक घटाया है।
सुख’ इको-हाउस एक 30 वर्ग मीटर का घर है, जिसमें ड्राइंग रूम, बेडरूम, रसोई और शौचालय शामिल हैं। इसकी लागत मात्र ₹1,50,000 है और इसे 15-20 दिनों में तैयार किया जा सकता है। इसके निर्माण में न केवल फ्लाई ऐश का पुनर्चक्रण किया जाता है बल्कि यह पारंपरिक निर्माण विधियों की तुलना में 75% कम कार्बन उत्सर्जन करता है।
टिकाऊ और पर्यावरणीय दृष्टिकोण
1. फ्लाई ऐश का पुन: उपयोग: फ्लाई ऐश का उपयोग करके निर्मित यह मॉडल प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक उपयोग को रोकता है और थर्मल पावर प्लांट्स से उत्पन्न कचरे का पुनर्चक्रण करता है।
2. किफायती और तेज़ निर्माण: निर्माण प्रक्रिया में कम लागत और कम समय लगता है। पारंपरिक विधियों के मुकाबले यह तकनीक अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल है।
3. सौर ऊर्जा का उपयोग: इको-हाउस को सौर ऊर्जा से भी संचालित किया जा सकता है, जिससे यह मॉडल भारत की नेट-जीरो कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धता को सशक्त बनाता है।
परियोजना की विशेषताएं
– किफायती समाधान: ₹1,50,000 की लागत में, यह मॉडल प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत ग्रामीण भारत के लिए सुलभ है।
– लचीलापन और स्थायित्व: यह घर विभिन्न मौसमीय परिस्थितियों, जैसे भारी बारिश, तेज़ हवाओं और तूफानों को सहने में सक्षम है।
– पुनः निर्माण योग्य संरचना: घर को आवश्यकता पड़ने पर आसानी से नष्ट कर पुनः बनाया जा सकता है, जिससे यह टिकाऊ और दीर्घकालिक बनता है।
आईआईटीएफ 2024 में प्रदर्शन
आईआईटीएफ 2024, जो 14 से 27 नवंबर तक चल रहा है, एनटीपीसी के इस अभिनव प्रयास को प्रदर्शित करने का एक आदर्श मंच है। एनटीपीसी ने इको-हाउस के माध्यम से यह दिखाया कि कैसे फ्लाई ऐश, जिसे अक्सर कचरे के रूप में देखा जाता है, को टिकाऊ और लागत प्रभावी निर्माण सामग्री में बदला जा सकता है। इस पहल ने आगंतुकों और उद्योग विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया है।
भविष्य की दिशा
एनटीपीसी का *‘सुख’ इको-हाउस* भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में किफायती और टिकाऊ आवास के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है। यह न केवल आवासीय संकट को हल करने में मदद करेगा बल्कि भारत की औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह पहल न केवल एनटीपीसी की नवाचार और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि टिकाऊ निर्माण प्रथाओं के भविष्य की भी झलक पेश करती है। ‘सुख’ इको-हाउस के जरिए, एनटीपीसी भारत को स्थायी और हरित आवास समाधान की ओर बढ़ने में मदद कर रहा है।