बिलासपुर। शिक्षा और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दहलीज़ वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा तीन दिवसीय चैरिटी फेस्टिवल “चाय बनेगी स्याही” का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 22 से 24 नवंबर तक बिलासपुर के रिवर व्यू में शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक होगा, जो शहरवासियों के लिए कला, रचनात्मकता और परोपकार का अद्वितीय अनुभव लेकर आएगा।
फेस्टिवल का उद्देश्य समाज के जरूरतमंद वर्ग, विशेषकर स्लम एरिया के बच्चों की शिक्षा और उनकी रचनात्मक प्रतिभा को निखारने के लिए आर्थिक सहायता जुटाना है। फाउंडेशन की संस्थापक, हीना खान ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि इस फेस्टिवल की आय उन बच्चों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी, जिन्हें वित्तीय सहयोग की सख्त जरूरत है। यह आयोजन समाज को समर्पित एक सशक्त पहल के रूप में उभर रहा है, जिसमें कला और संस्कृति के माध्यम से सामाजिक बदलाव का प्रयास किया जा रहा है।
शिक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में अनूठी पहल
दहलीज़ वेलफेयर फाउंडेशन की स्थापना से लेकर अब तक लगभग 4 से 5 हजार जरूरतमंद बच्चों की मदद की जा चुकी है। इनमें से कई बच्चों को स्कूल ड्रेस, जूते, स्टेशनरी, फीस और शिक्षा संबंधी मार्गदर्शन प्रदान किया गया है। फाउंडेशन खासकर उन बच्चों की सहायता पर केंद्रित है, जिनकी पढ़ाई आर्थिक कारणों से बाधित हो रही है। इसके अलावा, फाउंडेशन महिला सशक्तिकरण के लिए भी जिलेभर में कार्यक्रम आयोजित करता रहता है।
फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण
तीन दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल में चाय स्टॉल से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक श्रंखला होगी। “चाय बनेगी स्याही” शीर्षक के अनुरूप, इस फेस्टिवल में चाय के स्टॉल लगेंगे, जहां लोग चाय की कीमत अदाकर दान कर सकेंगे। यह न सिर्फ एक अनोखा विचार है, बल्कि समाज के प्रति योगदान करने का एक रचनात्मक तरीका भी है।
इसके अलावा, आयोजन में डांस परफॉर्मेंस, मुशायरा, और युवाओं द्वारा शायरी की प्रस्तुतियां होंगी, जो इस उत्सव को और भी खास बनाएंगी। हस्तनिर्मित वस्तुओं के स्टॉल भी होंगे, जहां विभिन्न प्रकार के रचनात्मक उत्पाद, जैसे हैंडमेड बुकमार्क आदि बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। फाउंडेशन के सामाजिक कार्यों को उजागर करने के लिए एक विशेष एग्जीबिशन भी लगाई जाएगी।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
इस आयोजन के माध्यम से फाउंडेशन न केवल शिक्षा और सशक्तिकरण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना चाहता है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देना चाहता है। आयोजन में आने वाले हर व्यक्ति को उपहार स्वरूप पौधे दिए जाएंगे, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
150 वालंटियर्स की सक्रिय भागीदारी
फाउंडेशन में 30-35 सक्रिय सदस्य हैं, जो इस आयोजन के सफल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके साथ ही, करीब 150 वालंटियर्स भी इस आयोजन में हिस्सा लेंगे, जो इस महत्त्वपूर्ण पहल को सफल बनाने में सहयोग करेंगे।
“चाय बनेगी स्याही” एक ऐसा आयोजन है, जो केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज की बेहतरी के लिए ठोस कदम है। यह न सिर्फ बच्चों की शिक्षा में सहयोग करेगा, बल्कि लोगों को रचनात्मकता और परोपकार से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। कला, संस्कृति और सामाजिक जिम्मेदारी का यह संगम निस्संदेह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।