Wednesday, December 11, 2024
Homeराजनीतिएनएसयूआई द्वारा पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के कुलसचिव का घेराव: निविदा में...

एनएसयूआई द्वारा पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के कुलसचिव का घेराव: निविदा में गड़बड़ी का विरोध…

बिलासपुर, 5 दिसंबर 2024: आज एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने बिलासपुर स्थित पंडित सुंदरलाल शर्मा (मुक्त) विश्वविद्यालय में कुलसचिव भुवन राज सिंह का घेराव किया। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव लोकेश नायक के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में जारी की गई निविदा प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को लेकर हुआ।

लोकेश नायक ने बताया कि हाल ही में विश्वविद्यालय द्वारा स्टेशनरी और सफाई सामग्री की खरीद के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी, जिसमें नियमों में बदलाव के चलते पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। एनएसयूआई का आरोप है कि विश्वविद्यालय द्वारा निविदा के नियमों को जानबूझकर कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।

एनएसयूआई ने निम्नलिखित बिंदुओं पर आपत्ति जताई:

1. तिथि में बिना कारण बदलाव: निविदा की तिथि को बिना किसी कारण बताए आगे बढ़ाया गया।
2. शुल्क निर्धारित न करना: निविदा प्रक्रिया के दौरान कोई निर्धारित शुल्क नहीं लगाया गया, जो पारदर्शिता में कमी का संकेत देता है।
3. निविदा का समय: निविदा जमा करने का समय प्रातः 11 बजे रखा गया, जिससे कई आवेदकों को असुविधा हो सकती थी।
4. मटीरियल की संख्या का अभाव: निविदा जारी करते समय सामग्री की सही संख्या नहीं बताई गई, जिससे पारदर्शिता में कमी महसूस हुई।
5. कार्यादेश में देरी: न्यूनतम राशि निर्धारित होने के बावजूद कार्यादेश नहीं दिए गए।
6. आंकड़े छिपाने का आरोप: विश्वविद्यालय पर यह आरोप लगाया गया कि सामग्री की संख्या जानबूझकर छिपाई गई ताकि अपने खास लोगों को अनुचित लाभ दिलाया जा सके।

एनएसयूआई का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इन नियमों में जानबूझकर फेरबदल किए गए ताकि निविदा प्रक्रिया में धांधली की जा सके और अपने पसंदीदा ठेकेदारों को काम दिया जा सके।

एनएसयूआई की मांगें:

लोकेश नायक ने विश्वविद्यालय से निविदा प्रक्रिया में सुधार करने की मांग की और कहा कि सभी अनियमितताओं को दूर कर नई निविदा आमंत्रित की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तो एनएसयूआई निविदा को रद्द करने की मांग करेगा और इसके लिए बड़े आंदोलन का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालय से एक सप्ताह के भीतर सभी मुद्दों पर लिखित जवाब देने की मांग की।

विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया:

कुलसचिव भुवन राज सिंह ने एनएसयूआई के ज्ञापन को स्वीकार करते हुए आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रहित में उचित निर्णय लेगा और निविदा प्रक्रिया में आवश्यक सुधार किए जाएंगे।

आंदोलन की चेतावनी:

एनएसयूआई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक सप्ताह के भीतर उचित कदम नहीं उठाए, तो वे उग्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।

प्रदर्शन में मुख्य रूप से उपस्थित कार्यकर्ता:

घेराव में मुख्य रूप से एनएसयूआई के प्रदेश सचिव लोकेश नायक, जिला उपाध्यक्ष सुमित शुक्ला, जिला महासचिव शुभम जैसवाल, प्रवीण साहू, सुबोध नायक, पुस्कर पाल, योगेश साहू, तरुण यादव और अंश बाजपेयी समेत कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए।

इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने और छात्रों के हितों की रक्षा करने का दबाव बनाया है। अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाएगा और क्या एनएसयूआई के आरोपों पर निष्पक्ष जांच होगी।

spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!