बिलासपुर, 11 दिसम्बर 2024
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में संरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है, और यह सुनिश्चित करने के लिए रेलवे कर्मचारी दिन-रात सजग रहते हैं। इसी क्रम में, महाप्रबंधक नीनु इटियेरा ने संरक्षा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले दो कर्मचारियों को 11 दिसम्बर, 2024 को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे, जिसमें अपर महाप्रबंधक, प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी और अन्य विभागाध्यक्ष शामिल थे।
सजग कर्मचारियों की भूमिका
रेलवे के परिचालन में संरक्षा की अहमियत को ध्यान में रखते हुए, दो कर्मचारियों को उनकी सतर्कता और सजगता के लिए सम्मानित किया गया। ये कर्मचारी अपने कार्यक्षेत्र में न सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रहे थे, बल्कि संरक्षा को भी प्राथमिकता दी। इनकी सजगता के कारण ट्रेन परिचालन में संभावित दुर्घटनाओं को रोका जा सका और यात्रियों एवं माल की सुरक्षा सुनिश्चित हुई।
तेजराम धीवर
रायपुर मंडल के पॉइंट्समैन-‘बी’/सिलियारी, तेजराम धीवर ने 4 अक्टूबर, 2024 को अपनी ड्यूटी के दौरान सिलियारी-बैकुंठ सेक्शन में एक मालगाड़ी के 23वें वैगन में हॉट एक्सल का पता लगाया। उनकी सूझबूझ से ट्रेन को बैकुंठ रेलवे स्टेशन पर रोका गया, जहाँ जांच के दौरान पाया गया कि हॉट एक्सल के कारण पहिये की बेयरिंग अत्यधिक गर्म हो गई थी। तेजराम धीवर की सजगता से संभावित दुर्घटना टल गई और संरक्षा सुनिश्चित हो सकी।
पुरुषोत्तम ध्रुव
इसी तरह, रायपुर मंडल के ट्रैक मेंटेनर ग्रेड-II / भाटापारा, पुरुषोत्तम ध्रुव ने 4 नवम्बर, 2024 को अपनी ड्यूटी के दौरान एक मालगाड़ी के 30वें वैगन में हॉट एक्सल का पता लगाया। उन्होंने तुरंत सभी संबंधित अधिकारियों को सूचित किया, जिसके बाद ट्रेन को हथबंद स्टेशन पर रोका गया। जांच के दौरान पाया गया कि एक्सल के अधिक गर्म होने के कारण पहिया खराब हो सकता था। उनकी सजगता के कारण इस दुर्घटना से बचा जा सका और ट्रेन को सुरक्षित रूप से आगे रवाना किया गया।
सम्मान और प्रेरणा
इन कर्मचारियों की सजगता और तत्परता की सराहना करते हुए महाप्रबंधक नीनु इटियेरा ने उन्हें सम्मानित किया और कहा कि ऐसे कर्मचारी रेलवे की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। ये सम्मान न केवल उनके उत्कृष्ट योगदान की सराहना है, बल्कि अन्य कर्मचारियों को भी इसी तरह से सजग रहने के लिए प्रेरित करेगा।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि संरक्षा किसी एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरी टीम की सजगता और सतर्कता से ही सुनिश्चित होती है।