बिलासपुर, 14 दिसंबर 2024 – छत्तीसगढ़ राज्य ने न्यायिक प्रणाली में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत का सफल आयोजन किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने राज्य की लोक अदालतों की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया और प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों को अधिकाधिक मामलों के समाधान के लिए प्रोत्साहित किया।
इस नेशनल लोक अदालत के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अभूतपूर्व सफलता दर्ज की गई, जिसमें कुल 22,59,517 प्रकरणों का निराकरण किया गया और 8,42 करोड़ रुपये से अधिक का अवार्ड पारित हुआ। यह राज्य की न्यायिक व्यवस्था के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जो त्वरित, सस्ता और सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
नेशनल लोक अदालत का वर्चुअल निरीक्षण
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने आधुनिक तकनीक के उपयोग के साथ वर्चुअल माध्यम से रायपुर और दुर्ग जिलों के जिला एवं सत्र न्यायालयों का निरीक्षण किया। इसके अलावा, उन्होंने उच्च न्यायालय की खण्डपीठों का भी अवलोकन किया और विभिन्न अधिकारियों से संवाद स्थापित कर उनकी कार्यवाही की प्रगति का जायजा लिया। मुख्य न्यायाधिपति की यह पहल न केवल न्यायिक प्रक्रिया में तकनीकी सक्षमता को दर्शाती है, बल्कि न्यायिक अधिकारियों, लोक अदालत के पीठासीन सदस्यों और पक्षकारों को प्रेरित करने का एक प्रयास भी है। इस वर्चुअल निरीक्षण ने लोक अदालतों में पक्षकारों के बीच विश्वास को और मजबूत किया है और इस पहल से लोक अदालतों की विश्वसनीयता को भी बढ़ावा मिला है।
लोक अदालतों में तकनीक का योगदान
नेशनल लोक अदालत में वर्चुअल माध्यम के अलावा, मोबाइल वेन जैसी सुविधाओं का उपयोग भी किया गया, जिससे वे पक्षकार जो शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके, वे ऑनलाइन माध्यम से जुड़े और उनके प्रकरणों का समाधान हुआ। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य की न्यायिक व्यवस्था तकनीकी विकास के साथ कदमताल कर रही है और इससे न्याय प्राप्ति की प्रक्रिया को और सरल बनाया जा रहा है।
न्यायालय की सतत निगरानी और मार्गदर्शन
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने लोक अदालत की सफलता में न्यायालय की सतत निगरानी और मार्गदर्शन को भी प्रमुख कारण बताया। उनके मार्गदर्शन में सभी जिलों के प्रधान न्यायाधीशों के साथ नियमित बैठकों का आयोजन किया गया, जिसमें अदालत की तैयारियों और प्रगति पर चर्चा होती रही। इस प्रक्रिया ने राज्य के नागरिकों को सुलभ और शीघ्र न्याय प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
विशेष आभार और धन्यवाद ज्ञापन
मुख्य न्यायाधिपति ने इस सफलता के लिए जस्टिस संजय के. अग्रवाल (कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) को उनके सतत मार्गदर्शन के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया। साथ ही, उन्होंने राज्य के सभी न्यायिक अधिकारियों, पैरालीगल वालंटियर्स, राजस्व अधिकारियों, पुलिस प्रशासन, और न्यायालय कर्मचारियों के योगदान की भी सराहना की। इसके अतिरिक्त, मीडिया को भी इस ऐतिहासिक सफलता के प्रचार-प्रसार और जन जागरूकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया गया।
नेशनल लोक अदालत ने छत्तीसगढ़ राज्य में न केवल त्वरित न्याय प्रदान करने का कार्य किया है, बल्कि न्यायिक प्रणाली में तकनीक के उपयोग की महत्ता को भी रेखांकित किया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा के नेतृत्व में यह लोक अदालत एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई है, जो न केवल प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था को सशक्त करेगी, बल्कि भविष्य में भी त्वरित और सुलभ न्याय की दिशा में एक आदर्श स्थापित करेगी।
यह सफलता राज्य के नागरिकों को न्यायिक प्रणाली के प्रति विश्वास दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होगी और भविष्य में ऐसे ही प्रभावी आयोजन राज्य में न्याय की सुलभता और पारदर्शिता को और अधिक मजबूत बनाएंगे।