बिलासपुर में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) टी. आर. साहू की कथित अनियमितताओं को लेकर NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के नेतृत्व में एक अनोखा और प्रभावशाली प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन के माध्यम से NSUI ने शिक्षा विभाग और टी. आर. साहू के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की। छात्रों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए साहू के खिलाफ जांच और उन्हें जिले से हटाने की मांग की। उनका कहना था कि अगर 20 दिनों के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे एक बड़ा आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
प्रदर्शन का स्वरूप और शवयात्रा
प्रदर्शनकारियों ने अपनी नाराजगी को जाहिर करने के लिए एक अनूठी रणनीति अपनाई। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था की “शवयात्रा” निकाली, जो इस बात का प्रतीक थी कि वे वर्तमान शिक्षा व्यवस्था को मृत मान रहे हैं। इस शवयात्रा के माध्यम से वे यह संदेश देना चाहते थे कि अगर प्रशासन समय रहते शिक्षा विभाग में सुधार नहीं करता, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। शवयात्रा के बाद NSUI के नेता और कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया और अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाया।
पुलिस के साथ झूमाझटकी
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झूमाझटकी भी हुई। प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर इतने उत्तेजित थे कि पुलिस को उनके साथ काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालात को संभालने के लिए पुलिस ने शांति बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों का जोश देखते ही बन रहा था।
स्वच्छता का अनोखा उदाहरण
प्रदर्शन की सबसे अनोखी बात तब देखने को मिली, जब NSUI के नेता रंजीत सिंह और उनके साथियों ने अपने द्वारा फैलाए गए कचरे को खुद ही साफ करना शुरू कर दिया। पुलिस के साथ छीना-झपटी के दौरान शवयात्रा में इस्तेमाल किए गए बांस और पत्तों के फैल जाने के बाद, NSUI कार्यकर्ताओं ने खुद इसे समेटा और साफ किया। यह एक असामान्य दृश्य था, क्योंकि आमतौर पर इस तरह के प्रदर्शनों के बाद कचरे की सफाई प्रशासन या नगर निगम की जिम्मेदारी मानी जाती है।
NSUI के इस कदम की वहां मौजूद लोगों ने सराहना की। प्रदर्शनकारियों ने न केवल शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की, बल्कि अपने आचरण से स्वच्छता का भी संदेश दिया। उन्होंने यह दिखाया कि जन आंदोलन के दौरान भी जिम्मेदारी का निर्वहन किया जा सकता है। रंजीत सिंह और उनकी टीम का यह प्रयास यह साबित करता है कि जिम्मेदार नागरिक अपने कर्तव्यों को निभाते हुए अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं।
आगे की रणनीति
NSUI ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर 20 दिनों के भीतर शिक्षा विभाग और डीईओ टी. आर. साहू के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपने के बाद NSUI ने यह साफ कर दिया कि वे इस मुद्दे पर किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बिलासपुर में NSUI के इस प्रदर्शन ने न केवल शिक्षा व्यवस्था की समस्याओं को उजागर किया, बल्कि स्वच्छता और जिम्मेदारी का भी एक अद्भुत उदाहरण पेश किया। इस तरह के आंदोलनों से यह स्पष्ट होता है कि युवा आज न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं, बल्कि वे समाज और पर्यावरण की जिम्मेदारी भी समझते हैं। अगर प्रशासन जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं करता, तो आने वाले दिनों में यह मुद्दा और बड़ा रूप ले सकता है।