Saturday, December 21, 2024
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बिलासपुर में Smart Meter का विरोध होगा तेज, नागरिक सुरक्षा मंच ने खोला मोर्चा, उपभोक्ताओं ने कहा “स्मार्ट मीटर नहीं स्मार्ट चीटर है”…

बिलासपुर। स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली विभाग द्वारा की जा रही मनमानी और उपभोक्ताओं से वसूली जा रही अनाप-शनाप राशि ने आम जनता को आक्रोशित कर दिया है। बिलासपुर के नागरिकों ने इसे अपनी जेब पर डाका डालने का मामला बताया है। इसी के विरोध में नागरिक सुरक्षा मंच ने बड़ा कदम उठाते हुए 23 दिसंबर को तिफरा स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय का घेराव करने का ऐलान किया है।

स्मार्ट मीटर की आड़ में वसूली
नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक अमित तिवारी ने बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर उपभोक्ताओं से दुगनी-तिगुनी रकम वसूली जा रही है। उपभोक्ताओं को बिना उनकी जानकारी के उनके घरों में पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगा दिए गए। इसके बाद बिजली बिल में अचानक वृद्धि ने आम जनता को चौंका दिया।

जनता के आक्रोश की अनदेखी
तिवारी ने बताया कि बिजली विभाग की इस मनमानी के चलते जनता में भारी आक्रोश है। उपभोक्ता विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्यवाही किसी साजिश के तहत की गई है और यह आम जनता की आर्थिक स्थिति पर सीधा प्रहार है।

घेराव और चेतावनी
नागरिक सुरक्षा मंच ने सोमवार, 23 दिसंबर को अपराह्न 12 बजे तिफरा मुख्य अभियंता कार्यालय का घेराव करने का निर्णय लिया है। इस घेराव के दौरान बिजली विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपा जाएगा। श्री तिवारी ने कहा कि यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया और इस लूट को रोका नहीं गया, तो वे जनता के साथ मिलकर स्मार्ट मीटर को उखाड़ फेंकने के लिए बाध्य होंगे।

आंदोलन की तैयारी
नागरिक सुरक्षा मंच ने इस मुद्दे को लेकर व्यापक जन समर्थन जुटाने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन बिजली विभाग की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ है और इसमें सभी उपभोक्ताओं का समर्थन मिल रहा है। श्री तिवारी ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक बिजली विभाग अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता और उपभोक्ताओं को राहत नहीं देता।

जनता के सवालों का जवाब जरूरी
बिजली विभाग की इस कार्यवाही ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या स्मार्ट मीटर वाकई उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी है या यह केवल राजस्व बढ़ाने का एक तरीका है? ऐसे में जनता को जवाब चाहिए। यदि विभाग जनता के हितों को नजरअंदाज करता रहा, तो इस आंदोलन के और भी व्यापक होने की संभावना है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि सोमवार को घेराव के बाद बिजली विभाग क्या रुख अपनाता है। जनता की नाराजगी को शांत करने के लिए विभाग को ठोस कदम उठाने होंगे, अन्यथा यह आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

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