बिलासपुर, 23 दिसंबर 2024— छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने आज छत्तीसगढ़ के न्यायिक तंत्र के विभिन्न प्रमुख संस्थानों का औचक निरीक्षण कर न्यायिक व्यवस्था की दक्षता और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। उनके इस ताबड़तोड़ दौरे ने न्यायिक संस्थानों में अनुशासन और सुधार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया।
चीफ जस्टिस ने उच्च न्यायालय की समस्त प्रशासनिक और न्यायिक शाखाओं का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने स्कैनिंग प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करने का निर्देश दिया। उनके इस दौरे का उद्देश्य न केवल न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना था, बल्कि व्यवस्थाओं की पारदर्शिता और सुव्यवस्था को भी बढ़ावा देना था।
चीफ जस्टिस ने छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी का दौरा कर स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, लाउंज और अन्य कक्षों का निरीक्षण किया। उन्होंने इन सुविधाओं के रखरखाव और गुणवत्ता में सुधार के लिए उचित दिशा-निर्देश दिए। उनके सुझावों का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षु न्यायाधीशों और कर्मचारियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण एवं सुविधाएं प्रदान करना था।
पुराने उच्च न्यायालय भवन स्थित छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का निरीक्षण करते हुए उन्होंने भवन के आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नति के निर्देश दिए। मीटिंग हॉल और कॉन्फ्रेंस हॉल की साज-सज्जा के साथ-साथ आधुनिक कंप्यूटर की स्थापना और नई लिफ्ट लगाने के निर्देश दिए गए।
चीफ जस्टिस ने महिला पीड़ितों और उनके नवजात बच्चों के लिए संवेदनशीलता दर्शाते हुए, उनके लिए विशेष कक्ष एवं सुविधाओं की व्यवस्था का निर्देश दिया। यह पहल न्यायिक संस्थानों में मानवता और करुणा की मिसाल पेश करती है।
जिला न्यायालय परिसर के निरीक्षण के दौरान चीफ जस्टिस ने पार्किंग व्यवस्था, साफ-सफाई और पक्षकारों के बैठने के लिए फर्नीचर की उपलब्धता में सुधार के निर्देश दिए। प्रतिलिपि शाखा में वकीलों और पक्षकारों के कार्यों को समय पर पूरा करने और पृथक खिड़की की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए।
बिलासपुर में निर्माणाधीन नवीन न्यायालय भवन की प्रगति का निरीक्षण करते हुए चीफ जस्टिस ने गुणवत्तापूर्ण निर्माण और समयसीमा में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी दौरा किया और चिकित्सा सेवाओं में सुधार का आह्वान किया।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने न्यायालय परिसरों की संरचना और सुविधाओं में सुधार के लिए समय-समय पर दौरा करते हुए हमेशा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उनके प्रयासों से राज्य के न्यायालयों में साफ-सफाई, पोस्ट ऑफिस, प्राथमिक उपचार केंद्र, पेयजल और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
चीफ जस्टिस के इस औचक निरीक्षण ने न्यायिक संस्थानों में अनुशासन, स्वच्छता और आधुनिकता के महत्व को उजागर किया। उनकी इस पहल से न केवल न्यायालयों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि इससे आम नागरिकों और न्यायालय कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। चीफ जस्टिस का यह दौरा न्यायिक व्यवस्था में सुधार के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।