बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मंडल प्रशासन ने रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारजनों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से एक नई पहल की है। 23 दिसंबर 2024 को रेलवे चिकित्सालय बिलासपुर में “आयुर्वेद स्पेशलिटी क्लीनिक” का विधिवत शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय और मंडल सेक्रो अध्यक्षा श्रद्धा पाण्डेय ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय परिसर में क्लीनिक का उद्घाटन किया।
आयुर्वेद भारतीय परंपरा की ऐसी धरोहर है जो प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से रोगों का स्थायी समाधान प्रदान करती है। रेलवे चिकित्सालय में इस चिकित्सा पद्धति के समावेश से कर्मचारियों और उनके परिवारजनों को वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का लाभ मिलेगा। मंडल रेल प्रबंधक ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह सुविधा कर्मचारियों के स्वास्थ्य और कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होगी।
इस पहल के तहत रेलवे प्रशासन और छत्तीसगढ़ शासन के चिकित्सा शिक्षा (आयुष) मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू के अनुसार, शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, बिलासपुर के चिकित्सक रेलवे कर्मचारियों को आयुर्वेदिक परामर्श और उपचार सेवाएं प्रदान करेंगे। यह सेवाएं 8 जनवरी 2024 से प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को शाम 4 से 6 बजे तक उपलब्ध होंगी।
रेलवे प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि यह सेवा कर्मचारियों और उनके परिवारजनों के लिए पूरी तरह निशुल्क होगी। इसके तहत आयुर्वेदिक औषधियां भी निशुल्क प्रदान की जाएंगी, जो शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के औषधि भंडार से उपलब्ध कराई जाएंगी।
आयुर्वेदिक चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों में अपनी सटीकता और प्रभावशीलता के लिए प्रसिद्ध है। इस पहल से विशेष रूप से उन कर्मचारियों को लाभ होगा जो दिन-रात कार्य करने के कारण तनाव और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करते हैं। मंडल रेल प्रबंधक ने इसे रेलवे के कर्मचारियों के प्रति समर्पण का प्रतीक बताया।
आरंभ में यह सेवा सप्ताह में दो दिन उपलब्ध होगी। भविष्य में, मरीजों की संख्या और प्रतिक्रिया के आधार पर इसे सप्ताह में पांच दिन तक बढ़ाने की योजना है।
इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बी जमकिआर, शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रक्षपाल गुप्ता, अपर मंडल रेल प्रबंधक चंद्रभूषण, अन्य चिकित्सक और रेलवे कर्मचारी उपस्थित थे। डॉ. गुप्ता ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बिलासपुर मंडल प्रशासन की यह पहल न केवल रेलवे कर्मचारियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगी, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को लोकप्रिय बनाने में भी मददगार साबित होगी। यह अभिनव प्रयास रेलवे कर्मचारियों के प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता और समर्पण को दर्शाता है।