छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हुए पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। इस मामले के मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने यह गिरफ्तारी साइबर पुलिस और विशेष जांच दल (एसआईटी) की संयुक्त कार्रवाई के तहत की। इस केस की जांच में 300 से अधिक मोबाइल कॉल डिटेल्स और 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की गई, जिसके बाद सुरेश के हैदराबाद में छिपे होने का पता चला।
भ्रष्टाचार का खुलासा बना हत्या की वजह
पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने बीजापुर में एक सड़क निर्माण परियोजना में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। इस सड़क निर्माण का ठेका सुरेश चंद्राकर को मिला था। मुकेश ने इस परियोजना में अनियमितताओं और टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार को उजागर किया था। यह खुलासा सुरेश और उसके साथियों के लिए परेशानी का कारण बन गया।
हत्या का जघन्य अपराध
1 जनवरी 2025 को मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई। हत्या को अंजाम सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर और उसके सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके ने दिया। इस वारदात को छिपाने के लिए मृतक के शव को सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया, जहां से तीन दिन बाद पुलिस को शव बरामद हुआ।
पहले गिरफ्तार हुए तीन आरोपी
इस मामले में पुलिस ने पहले ही तीन अन्य आरोपियों—रितेश चंद्राकर, महेंद्र रामटेके, और दिनेश चंद्राकर—को गिरफ्तार कर लिया था। दिनेश चंद्राकर पर सबूत मिटाने का आरोप है।
मुख्य आरोपी तक पहुंचने की चुनौतीपूर्ण कार्रवाई
मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को पकड़ने के लिए बीजापुर पुलिस और एसआईटी की टीम को कई तकनीकी और खुफिया जानकारियों पर काम करना पड़ा। टीम ने 200 सीसीटीवी फुटेज की जांच और लगभग 300 मोबाइल नंबर ट्रेस किए। आखिरकार, हैदराबाद में एक ड्राइवर के ठिकाने पर सुरेश के छिपे होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस ने हैदराबाद में दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।