बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक, तरुण प्रकाश ने आज बिलासपुर कोचिंग डिपो में स्थित अत्याधुनिक मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण यात्रियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था। तरुण प्रकाश ने लॉन्ड्री की कार्यप्रणाली, सफाई और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की।
निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक ने कहा, “यात्रियों की संतुष्टि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि गुणवत्ता में कोई कमी न हो। इस लॉन्ड्री की सेवाएं रेलवे के इस उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा करने में सहायक हैं।”
मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री: तकनीक और दक्षता का मेल
बिलासपुर कोचिंग डिपो की मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित है, जो प्रतिदिन 10,000 से अधिक बेडरोल (चादर, कंबल, तकिए के कवर आदि) की धुलाई और प्रसंस्करण में सक्षम है। यह लॉन्ड्री पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं का पालन करती है, जिसमें पानी और ऊर्जा की बचत सुनिश्चित की जाती है।
लॉन्ड्री में शामिल आधुनिक उपकरण और उनकी विशेषताएं:
- वॉशर एक्सट्रैक्टर: 60 किग्रा क्षमता के 5 मशीन।
- टम्बल ड्रायर: 60 किग्रा क्षमता के 2 ड्रायर।
- फ्लैट वर्क आयरनर: 2 मशीन।
- बॉयलर: 1,000 किग्रा/घंटा क्षमता।
- वाटर सॉफ्टनर और ईटीपी: 10,000 लीटर/घंटा क्षमता।
यात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं
यह लॉन्ड्री बिलासपुर मंडल की 11 जोड़ी ट्रेनों के वातानुकूलित कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों को स्वच्छ, उत्तम और उच्च गुणवत्ता वाले बेडरोल प्रदान करती है। औसतन प्रतिदिन 13,350 बेडशीट, 6,675 तकिए के कवर और 6,675 फेस टॉवल धोए जाते हैं।
तरुण प्रकाश का संदेश
महाप्रबंधक ने लॉन्ड्री के निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों को गुणवत्ता बनाए रखने और यात्रियों की संतुष्टि को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने लॉन्ड्री की दक्षता और स्वच्छता की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रणाली रेलवे के सफाई और सेवा मानकों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रही है।
रेलवे की पर्यावरणीय जिम्मेदारी
यह लॉन्ड्री न केवल गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखती है। पानी की बचत और ऊर्जा दक्षता जैसे मानकों का पालन इसे और भी प्रभावशाली बनाता है।
बिलासपुर कोचिंग डिपो की यह पहल रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें यात्री अनुभव और पर्यावरणीय संतुलन को सर्वोपरि रखा गया है। इस मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री ने न केवल रेलवे की सेवाओं में सुधार किया है, बल्कि यात्रियों को एक बेहतर और स्वच्छ अनुभव भी प्रदान किया है।