Wednesday, January 8, 2025
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अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर संजीव कुमार छाबड़ा का अवैध संपत्ति पर पुलिस का तगड़ा प्रहार: बैंक खाता फ्रिज, करोड़ों की संपत्ति जब्त…

बिलासपुर पुलिस ने नशे के व्यापार से अवैध रूप से अर्जित संपत्ति के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में अंतरराज्यीय ड्रग तस्कर संजीव कुमार छाबड़ा उर्फ “सूच्चा” को गिरफ्तार कर उसके द्वारा वर्षों से बनाई गई अवैध संपत्ति को जब्त किया गया। यह कार्रवाई नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस की “एंड टू एंड इन्वेस्टिगेशन” नीति का हिस्सा है, जिसके तहत तस्करी से जुड़े पूरे नेटवर्क और उनकी अवैध संपत्तियों को नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है।

कई राज्यों में फैला था नेटवर्क
आरोपी संजीव छाबड़ा पिछले 20 वर्षों से नशे के इंजेक्शन और टेबलेट्स की तस्करी में लिप्त था। उसने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में करोड़ों की संपत्ति अर्जित की थी। पुलिस जांच में पता चला कि उसने बिलासपुर, जबलपुर, नागपुर, और फरीदाबाद में प्लॉट, दुकानें और मकान जैसे मूल्यवान संपत्तियां खरीदी थीं। इन संपत्तियों का मूल्य लगभग 2 करोड़ रुपये से अधिक है।

पुलिस की कार्रवाई और जब्त संपत्ति का विवरण
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 21, 22 और 29 एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया। वित्तीय जांच के दौरान उसकी निम्न संपत्तियां चिन्हित की गईं:
– जमीन व मकान: जबलपुर में 65 लाख का मकान, नागपुर में 1.08 करोड़ रुपये की संपत्ति, और फरीदाबाद में 1.34 करोड़ रुपये का सौदा।
– शेयर और बैंक खाते: एंजल ब्रोकिंग में 4.96 लाख रुपये का निवेश और विभिन्न खातों में 7 लाख रुपये की होल्डिंग।
– नगद व लेन-देन: आरोपी ने करोड़ों रुपये का लेन-देन किया, जिसमें उसने अपनी माता-पिता और भाई के खातों का उपयोग किया।

नशे के कारोबार का तरीका
आरोपी नशीली दवाओं को नागपुर से खरीदकर बिलासपुर और अन्य शहरों में सप्लाई करता था। वह अपने सप्लायर्स को फोन के माध्यम से निर्देश देता और भुगतान के लिए अपने बैंक खातों का उपयोग करता। तस्करी से अर्जित धन को वैध बनाने के लिए उसने “छाबड़ा कंस्ट्रक्शन” नाम से एक फर्जी फर्म बनाई थी। इस फर्म के नाम पर करोड़ों का लेन-देन किया गया, जबकि फर्म का अस्तित्व ही नहीं था।

सख्त कार्रवाई और भविष्य की योजना
बिलासपुर पुलिस ने आरोपी की संपत्ति को जब्त कर आगे की कार्रवाई के लिए सफेमा कोर्ट, मुंबई को प्रतिवेदन भेजा है। इस मामले में फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन टीम की सक्रियता ने पुलिस को आरोपी की अवैध गतिविधियों को उजागर करने में मदद की।

पुलिस टीम की सराहना
इस सफल ऑपरेशन के लिए पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है। यह कार्रवाई समाज में नशे के खिलाफ एक मजबूत संदेश है और यह साबित करता है कि बिलासपुर पुलिस नशे के सौदागरों की जड़ तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह कदम न केवल नशे के अवैध कारोबार को खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि अपराधियों को उनकी अवैध संपत्ति से वंचित कर समाज में कानून व्यवस्था कायम रखने का भी प्रभावी तरीका है।

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