बिलासपुर नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की महापौर प्रत्याशी पूजा विधानी के खिलाफ दायर याचिका को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवार आकाश मौर्य ने फिलहाल वापस ले लिया है। यह याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिसमें पूजा विधानी के जाति प्रमाण पत्र और संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई थी।
क्या है पूरा मामला?
बिलासपुर नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी ने पूजा विधानी को महापौर प्रत्याशी बनाया था। इसके खिलाफ बसपा उम्मीदवार आकाश मौर्य ने जाति प्रमाण पत्र को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि पूजा विधानी के जाति संबंधित दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए और इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
याचिका में क्या खामियां थीं?
याचिका में एक तकनीकी खामी पाई गई थी। दरअसल, रिटर्निंग ऑफिसर की बजाय कलेक्टर को पक्षकार बना दिया गया था, जो कि प्रक्रिया के अनुरूप नहीं था। इसी वजह से यह याचिका फिलहाल वापस ले ली गई है।
आगे क्या होगा?
याचिकाकर्ता आकाश मौर्य ने स्पष्ट किया है कि अब उनके पास पूजा विधानी से संबंधित सारे दस्तावेज उपलब्ध हो गए हैं। अब वे इन दस्तावेजों की जांच करने के बाद फिर से हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इससे साफ है कि यह मामला अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि आगे भी जारी रह सकता है।
राजनीतिक प्रभाव और संभावित परिणाम
चुनाव के दौरान इस तरह के विवादों का राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों पर असर पड़ता है। यदि याचिकाकर्ता दोबारा हाईकोर्ट में जाते हैं और कोई ठोस आधार मिलता है, तो यह पूजा विधानी और बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। वहीं, यदि अदालत से उन्हें राहत मिलती है, तो उनका राजनीतिक सफर बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा।
अब देखना होगा कि बसपा प्रत्याशी आकाश मौर्य अगली याचिका कब और किस आधार पर दायर करते हैं, और हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाता है।