बिलासपुर। लोफंदी गांव में जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। अब तक 9 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है, और पीड़ित परिवार गहरे संकट से जूझ रहे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मस्तूरी के विधायक दिलीप लहरिया की अगुवाई में एक जांच दल गठित किया है, जिसने सोमवार को दूसरी बार लोफंदी का दौरा किया। गांव में पसरे सन्नाटे और पीड़ित परिवारों की बदहाली को देखते हुए जांच समिति ने राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की है, साथ ही चेतावनी दी है कि यदि जल्द राहत नहीं मिली तो कांग्रेस पदयात्रा करेगी।
गांव में पसरा मातम, हालात बदतर
जांच दल के सदस्यों ने लोफंदी पहुंचकर देखा कि गांव में मातम छाया हुआ है। मृतकों के परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार के कमाऊ सदस्य अब नहीं रहे, जिससे घरों में चूल्हे तक नहीं जल रहे हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवारों के पास खाने तक के साधन नहीं हैं।
जांच दल ने सरकार से मुआवजे की मांग की
कांग्रेस की जांच समिति ने मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की है। मृतकों में कोमल पटेल, बलदेव पटेल, देव कुमार पटेल, कन्हैया पटेल, कोमल देवांगन, शत्रुघ्न देवांगन, बुधराम पटेल, रामू सुनहरे और पवन कश्यप शामिल हैं। जांच दल ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार मुआवजा नहीं देती है, तो कांग्रेस पदयात्रा निकालकर आंदोलन करेगी।
जांच दल के सवाल और चिंताएं
जांच कमेटी ने कुछ अहम सवाल उठाए हैं:
- कुल मौतों का सही आंकड़ा क्या है? कितने लोगों का इलाज चल रहा है, और अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति कैसी है?
- पहली मौत कब हुई और पुलिस की कार्रवाई क्या रही? क्या पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया था या नहीं?
- कितने मृतकों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के कर दिया गया?
- पुलिस और प्रशासन की भूमिका संदिग्ध क्यों लग रही है? क्या सरकार के दबाव में मामले को दबाने की कोशिश की गई?
- अवैध शराब बिक्री पर पहले क्या कार्रवाई हुई थी? क्या यह धंधा पुलिस और आबकारी विभाग की शह पर चल रहा था?
- कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है? और जब्त की गई बॉडीज का सही तरीके से पोस्टमार्टम कराया गया या नहीं?
- मीडिया में अलग-अलग कहानियां क्यों फैलाई जा रही हैं? क्या प्रशासन जानबूझकर जनता को गुमराह कर रहा है?
क्या सरकार कार्रवाई करेगी?
प्रदेश कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि जांच रिपोर्ट दो दिन में पार्टी नेतृत्व को सौंप दी जाएगी। कांग्रेस नेताओं ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर संवेदना जताई और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा, “यदि सरकार ने मुआवजे की मांग को अनसुना किया, तो हम पूरे जिले में पदयात्रा निकालेंगे और सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।”
क्या कहता है प्रशासन?
अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा? क्या अवैध शराब माफिया के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे? और सबसे बड़ा सवाल—क्या पीड़ित परिवारों को न्याय और मुआवजा मिलेगा, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
आने वाले दिनों में सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया इस त्रासदी की दिशा तय करेगी। कांग्रेस के आंदोलन की चेतावनी के बाद अब देखना होगा कि सरकार पीड़ितों की मदद के लिए क्या कदम उठाती है।