बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के नागरिकों को अब कैंसर या लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अन्य राज्यों की ओर रुख करने की जरूरत नहीं है। रायपुर और बिलासपुर में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता के चलते मरीजों को अब आर्थिक, मानसिक और शारीरिक परेशानियों से राहत मिल रही है।
बुधवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल, रायपुर के लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. अजीत मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में लिवर, पैंक्रियाज, गॉल ब्लैडर कैंसर और लिवर ट्रांसप्लांट जैसी जटिल सर्जरी अब आसानी से की जा रही हैं। आधुनिक चिकित्सा तकनीकों और अनुभवी डॉक्टरों के कारण यहां के मरीजों को हैदराबाद या मुंबई जाने की आवश्यकता नहीं है।
लिवर ट्रांसप्लांट में 95% सफलता
डॉ. मिश्रा के अनुसार, छत्तीसगढ़ में लिवर ट्रांसप्लांट के 35 से अधिक सफल मामले हो चुके हैं, और मरीज स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। ट्रांसप्लांट उन्हीं मरीजों का किया जाता है, जिनके बचने की संभावना बेहद कम होती है। ब्लड ग्रुप की जांच के बाद परिवार के सदस्य से प्राप्त अंग का प्रत्यारोपण किया जाता है। नियमों के तहत अन्य स्रोतों से भी अंगदान संभव है, लेकिन ब्लड ग्रुप मैच करना जरूरी होता है।
अंगदान के प्रति बढ़ती जागरूकता
पहले अंगदान के प्रति जागरूकता सिर्फ तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों में थी, लेकिन अब छत्तीसगढ़ में भी लोग इसे अपनाने लगे हैं। अंगदान से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है, और डॉ. मिश्रा ने लोगों से इससे जुड़े मिथकों को तोड़ने की अपील की।
लीवर रोगियों की बढ़ती संख्या
लीवर से जुड़ी बीमारियों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण अनियमित जीवनशैली, जंक फूड, मैदे से बने खाद्य पदार्थ, शराब और कोल्ड ड्रिंक्स हैं।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि—
- 60% लीवर रोगी शराब के कारण बीमार होते हैं।
- मोटापा और डायबिटीज भी फैटी लिवर की समस्या को बढ़ावा देते हैं।
- स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम, घर का बना संतुलित आहार और सलाद का सेवन जरूरी है।
छत्तीसगढ़ में उन्नत उपचार की सुविधा
अब राज्य में लेप्रोस्कोपी (दूरबीन पद्धति) से जटिल सर्जरी की जा रही हैं, जिससे मरीजों को जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलती है। लिवर ट्रांसप्लांट का खर्च भी अन्य राज्यों की तुलना में कम है, जिससे आम जनता को आर्थिक राहत मिल रही है।
बिलासपुर में भी उपलब्ध है परामर्श सुविधा
बिलासपुर संभाग के मरीजों के लिए राहत की बात यह है कि डॉ. अजीत मिश्रा हर महीने के दूसरे और चौथे बुधवार को रमणीय ट्रीटमेंट सेंटर और मार्क हॉस्पिटल, बिलासपुर में परामर्श के लिए उपलब्ध रहते हैं। यहां मरीजों को विशेषज्ञ सलाह और सही मार्गदर्शन मिल सकता है।
छत्तीसगढ़ में उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार से मरीजों को अब दूसरे राज्यों में जाने की जरूरत नहीं है। शराब से दूरी, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम अपनाकर लोग लीवर और अन्य गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। साथ ही, अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाकर कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।
छत्तीसगढ़ अब चिकित्सा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है और आने वाले समय में यह देश के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में से एक बन सकता है।