Sunday, April 27, 2025
Homeबिलासपुररेलवे प्रशासन की लापरवाही: कब तक जोखिम में रहेंगे श्रमिकों के जान? करंट...

रेलवे प्रशासन की लापरवाही: कब तक जोखिम में रहेंगे श्रमिकों के जान? करंट की चपेट में आया मजदूर…

बिलासपुर। रेलवे की लापरवाही ने एक बार फिर से एक गरीब मजदूर की जान खतरे में डाल दी। बिलासपुर के जयराम नगर कोल साइडिंग में काम कर रहे श्रमिक आर्यन उस वक्त गंभीर रूप से झुलस गया जब बिना किसी सूचना के ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) लाइन को चालू कर दिया गया। यह घटना इंद्रमणि प्राइवेट लिमिटेड के कोयला लोडिंग रैक पर हुई, जहां आर्यन लोडिंग के बाद टूट-फूट की जांच कर रहा था। रेलवे अधिकारियों और ठेकेदारों की घोर लापरवाही के कारण हाई वोल्टेज करंट ने उसकी जिंदगी को संकट में डाल दिया।

रेलवे में सुरक्षा नियमों की अनदेखी कोई नई बात नहीं है, लेकिन यह लापरवाही उन श्रमिकों के लिए जानलेवा साबित हो रही है जो रोज़ी-रोटी के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं। आर्यन को बिना किसी चेतावनी के चालू की गई ओएचई लाइन की वजह से गंभीर चोटें आईं, और उसे बिलासपुर के एक निजी बर्न अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

यह पहली बार नहीं है जब रेलवे की लापरवाही के कारण मजदूरों की जान जोखिम में पड़ी हो। पहले भी कई बार सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर श्रमिकों की जिंदगी को खतरे में डाला गया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या रेलवे प्रशासन इस तरह की घटनाओं से सबक लेगा या फिर भविष्य में और मजदूरों की जान पर बन आएगी?

हादसे के बाद रेलवे और ठेकेदारों की चुप्पी इस बात का सबूत है कि वे अपने जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। रेलवे सुरक्षा मानकों का पालन करने का दावा तो करता है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। क्या रेलवे के अधिकारी और संबंधित ठेकेदार इस घटना की जिम्मेदारी लेंगे? क्या पीड़ित मजदूर को न्याय मिलेगा?

सुरक्षा नियमों का पालन क्यों नहीं हो रहा?

रेलवे कार्यस्थलों पर श्रमिकों की सुरक्षा के लिए कई नियम बने हैं, लेकिन उन पर अमल नहीं किया जाता। ऐसे मामलों में यदि सुरक्षा मानकों का सही तरीके से पालन किया जाता, तो इस प्रकार के हादसे रोके जा सकते थे। कुछ ज़रूरी सवाल जो उठते हैं:

  1. बिना सूचना दिए ओएचई लाइन चालू क्यों की गई?
  2. रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया?
  3. क्या घटना की जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर कार्रवाई होगी?
  4. पीड़ित मजदूर और उसके परिवार को मुआवजा मिलेगा या नहीं?

रेलवे प्रशासन को जवाबदेह बनाना जरूरी

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे प्रशासन को कड़े कदम उठाने होंगे। हर कार्यस्थल पर सुरक्षा उपायों की जांच, श्रमिकों को समय-समय पर सतर्कता प्रशिक्षण, और सुरक्षा मानकों के कड़ाई से पालन की आवश्यकता है।

सरकार और रेलवे मंत्रालय को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। मजदूर देश की रीढ़ होते हैं, और उनकी सुरक्षा की अनदेखी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।

रेलवे की लापरवाही ने एक और गरीब श्रमिक को मौत के मुहाने पर ला खड़ा किया है। यह सिर्फ एक मजदूर की बात नहीं है, बल्कि उन हजारों श्रमिकों की सुरक्षा का सवाल है, जो रोज़ रेलवे और अन्य औद्योगिक स्थलों पर काम करते हैं। अगर अब भी प्रशासन नहीं जागा, तो ऐसे हादसे रुकने की बजाय बढ़ते ही रहेंगे। सवाल यह है कि क्या रेलवे प्रशासन इस घटना की जिम्मेदारी लेकर भविष्य में ऐसी लापरवाहियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा, या फिर गरीब मजदूरों की जिंदगी यूं ही जोखिम में पड़ी रहेगी?

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!