Tuesday, April 22, 2025
Homeछत्तीसगढ़छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने रानू साहू समेत कई हाई-प्रोफाइल...

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने रानू साहू समेत कई हाई-प्रोफाइल आरोपियों को दी अंतरिम जमानत

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाले से जुड़े एक बड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, पूर्व नौकरशाह सौम्या चौरसिया, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी समेत अन्य हाई-प्रोफाइल आरोपियों को अंतरिम जमानत दे दी है।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि इस मामले की जांच में लंबा समय लग सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि जांच और स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाया जाए।

मुख्य बिंदु:

  • कोर्ट ने कहा कि आरोपियों को अंतरिम जमानत दी जा रही है, लेकिन यदि वे गवाहों को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने की कोशिश करते हैं, तो उनकी जमानत रद्द हो सकती है।
  • राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह आरोपियों के आचरण पर रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
  • कोर्ट ने साफ किया कि यह जमानत सिर्फ अंतरिम है, और ट्रायल के आधार पर दी गई है।

किन लोगों को मिली जमानत?

सुप्रीम कोर्ट ने जिन हाई-प्रोफाइल लोगों को अंतरिम जमानत दी है, उनमें शामिल हैं:

  • रानू साहू (निलंबित IAS अधिकारी)
  • सौम्या चौरसिया (पूर्व नौकरशाह)
  • सूर्यकांत तिवारी (व्यवसायी)
  • दीपेश टोंक
  • राहुल कुमार सिंह
  • शिव शंकर नाग
  • हेमंत जायसवाल
  • चंद्रप्रकाश जायसवाल
  • संदीप कुमार नाग
  • रोशन कुमार सिंह
  • समीर विश्नोई
  • शेख मोइनुद्दीन कुरैशी

कोयला घोटाले की जांच और आरोप

छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) सहित कई केंद्रीय एजेंसियां कोयला घोटाले, मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाले की जांच कर रही हैं। इसमें राजनेताओं, नौकरशाहों और व्यापारियों की संलिप्तता की बात सामने आई है।

आरोप हैं कि:

  • अवैध कोयला खनन और मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई।
  • घोटाले में सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं की मिलीभगत बताई जा रही है।
  • ईडी ने इससे पहले सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।

इस फैसले का क्या असर होगा?

  1. राजनीतिक माहौल गरमाएगा: यह मामला पहले से ही राजनीतिक रूप से संवेदनशील है। जमानत मिलने से विपक्ष इसे मुद्दा बना सकता है।
  2. जांच प्रक्रिया पर असर: आरोपियों को जमानत मिलने के बाद जांच एजेंसियों पर निष्पक्ष और तेज जांच का दबाव बढ़ सकता है।
  3. अगले कदम: अगर किसी आरोपी ने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की, तो सरकार उनकी जमानत रद्द करने के लिए कोर्ट जा सकती है।

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले से जुड़े इस बड़े फैसले के बाद अब देखना होगा कि मामले की जांच कितनी तेजी से आगे बढ़ती है और आरोपियों पर क्या कार्रवाई होती है। सुप्रीम कोर्ट ने न्याय और स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया है, लेकिन इस फैसले के बाद राजनीतिक और कानूनी बहस तेज हो सकती है।

spot_img
spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!