एनेस्थीसिया के बाद नहीं आई होश, कोमा में गई नर्सिंग छात्रा की मौत
बिलासपुर के यूनिटी अस्पताल पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगे हैं, जिसके चलते एक युवा नर्सिंग छात्रा किरण वर्मा की मौत हो गई। किरण वर्मा मुंगेली जिले के सिलदहा की निवासी थीं और शासकीय नर्सिंग कॉलेज लगरा में बीएससी नर्सिंग तृतीय वर्ष की छात्रा थीं। इलाज के दौरान हुई कथित लापरवाही ने एक होनहार छात्रा की जान ले ली, जिससे परिजनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है।
एनेस्थीसिया के बाद नहीं लौटी होश में
जानकारी के अनुसार, 7 मार्च 2025 को किरण वर्मा को गले में ट्यूमर निकालने के लिए यूनिटी अस्पताल, बिलासपुर में भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन से पहले उन्हें एनेस्थीसिया दिया गया, लेकिन इसके बाद वह होश में नहीं आईं और कोमा में चली गईं। हालत बिगड़ती चली गई, लेकिन परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने इस गंभीर स्थिति में भी लापरवाही बरती और उचित उपचार नहीं दिया।
परिवार का कहना है कि जब उन्होंने किरण की हालत के बारे में जानकारी लेनी चाही तो अस्पताल प्रशासन ने उन्हें मरीज से मिलने तक नहीं दिया। इलाज में देरी और उचित देखभाल की कमी के चलते किरण की स्थिति और खराब होती गई, और अंततः उन्होंने दम तोड़ दिया।
अस्पताल की कागजी प्रक्रिया पर सवाल
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि अस्पताल की भर्ती प्रक्रिया में भी भारी अनियमितता पाई गई। जहां किरण को 7 मार्च 2025 को भर्ती किया गया था, वहीं अस्पताल की रिपोर्ट में 27 फरवरी 2025 की तारीख दर्ज है। इस तरह की गड़बड़ी से अस्पताल की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने न केवल इलाज में लापरवाही बरती, बल्कि दस्तावेजों में भी हेरफेर कर मामले को छिपाने की कोशिश की। इससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि अस्पताल में मरीजों के साथ पहले भी इसी तरह की लापरवाही हो सकती है।
न्याय की मांग और प्रशासन से अपील
किरण वर्मा की मौत के बाद उनके परिवार ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से अपील की है कि मामले की गहन जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
स्थानीय लोगों और नर्सिंग समुदाय ने भी इस घटना पर गहरा दुख जताया है और अस्पताल की लापरवाही पर आक्रोश व्यक्त किया है। इस घटना ने एक बार फिर से चिकित्सा संस्थानों की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं और मरीजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं।
क्या होगा आगे?
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। किरण वर्मा के परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं, यह आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन यह मामला निश्चित रूप से मेडिकल लापरवाही के मामलों में एक और चौंकाने वाली कड़ी जोड़ चुका है, जिससे अन्य अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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