बिलासपुर, 18 मार्च 2025: एक बड़े अंतर्राज्यीय संगठित गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस और आबकारी विभाग ने एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। पंकज सिंह, जो इस गिरोह का प्रमुख आरोपी बताया जा रहा है, को रायपुर से गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह लंबे समय से विभिन्न राज्यों में अवैध शराब की तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था। इस कार्रवाई से गिरोह की आपराधिक गतिविधियों पर बड़ा प्रहार हुआ है।
10 फरवरी 2025 को आबकारी विभाग को सूचना मिली थी कि बिलासपुर में अवैध शराब की तस्करी हो रही है। इस सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए, विभाग ने एक काले रंग की क्रेटा कार की तलाशी ली, जिसमें 480 बोतलें अवैध विदेशी शराब बरामद की गईं। कार चालक रवि शर्मा से जब दस्तावेज मांगे गए, तो वह कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका। रवि शर्मा की पूछताछ में खुलासा हुआ कि एक बड़े कंटेनर ट्रक में भी शराब का बड़ा भंडार है, जिसे बिलासपुर में खाली किया जाना था।
इसके बाद पुलिस ने छतौना क्षेत्र में उक्त कंटेनर ट्रक को रोका और जांच की। इस दौरान 990 पेटी अवैध विदेशी शराब बरामद हुई। ट्रक चालक शिव कुमार सैनी ने गोलमोल जवाब दिए, और दस्तावेजों की जांच में पाया गया कि परमिट में 1000 पेटियों का जिक्र था, जबकि मौके पर केवल 990 पेटियां मिलीं। इस अनियमितता पर आबकारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
आगे की जांच में पता चला कि इस तस्करी के पीछे एक बड़े संगठित गिरोह का हाथ है, जिसका नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है। गिरोह की गतिविधियों की जांच में गोवा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, और हरियाणा के लोगों के बैंक खाते खंगाले गए। इसमें प्रमुख रूप से पंकज सिंह और जय प्रकाश बघेल का नाम सामने आया। गिरोह ने दुबई स्थित कंपनी के आदेश पर गोवा से भूटान तक अवैध शराब की आपूर्ति की योजना बनाई थी।
घटना के बाद से ही पंकज सिंह फरार था, लेकिन लोकल और टेक्निकल इनपुट से पुलिस को सूचना मिली कि वह रायपुर में छिपा हुआ है। तत्काल पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार एक विशेष टीम को रायपुर भेजा गया। वहां VIP रोड स्थित एक कॉलोनी में घेराबंदी कर पंकज सिंह को गिरफ्तार किया गया।
इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दुबई और भूटान की कंपनी से संबंधित जानकारी के लिए पत्राचार किया है। गिरोह की तस्करी के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की भी जांच की जा रही है।
फिलहाल पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है, और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। इस संगठित गिरोह के कई सदस्यों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें चंडीगढ़, अंबाला, मोहाली, कुरुक्षेत्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के आरोपी शामिल हैं। पंकज सिंह की गिरफ्तारी से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अन्य सदस्यों को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
यह मामला न केवल राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अवैध गतिविधियों के लिए संगठित अपराध कैसे कई राज्यों में अपनी जड़ें जमा रहे हैं।