बिलासपुर के मस्तूरी में स्थित ‘सेवा सहकारी समिति मस्तूरी’ में भारी अनियमितता का मामला सामने आया है, जहां उचित मूल्य की दुकान में खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ियों की पुष्टि हुई है। इस दुकान के प्रबंधक मनोज रात्रे और विक्रेता मनीराम कुर्रं के खिलाफ पुलिस ने आवश्यक वस्तु अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई सहकारिता विस्तार अधिकारी गोधूलि वर्मा की शिकायत पर की गई, जिसमें दुकान के संचालन में भारी अनियमितताओं की शिकायत की गई थी।
खाद्य निरीक्षक ललिता शर्मा और उनकी टीम द्वारा की गई जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार, दुकान से चावल 303 क्विंटल, शक्कर 8.53 क्विंटल और नमक 6.46 क्विंटल ऑनलाइन वितरण के लिए आवंटित किया गया था। जब टीम ने 22 अगस्त 2024 को दुकान का निरीक्षण किया, तो पाया गया कि चावल 272.50 क्विंटल कम था, जबकि शक्कर 3.77 क्विंटल अधिक और नमक 8.04 क्विंटल अधिक मौजूद था। यह स्पष्ट तौर पर बड़ी अनियमितता और घोटाले की ओर इशारा करता है, जिसमें खाद्यान्न का सही ढंग से वितरण न करके उसे अन्यत्र बेचा गया हो सकता है।
एफआईआर और कानूनी कार्रवाई
इस मामले की रिपोर्ट बिलासपुर कलेक्टर की खाद्य शाखा को भेजी गई। इसके बाद, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मस्तूरी के निर्देश पर प्रबंधक और विक्रेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। दोनों आरोपियों पर धारा 3 और 7 के तहत आवश्यक वस्तु अधिनियम के साथ-साथ अन्य धाराओं में भी मामला दर्ज किया गया है। इस कानूनी कार्रवाई के तहत अब पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और जल्द ही इस पर विस्तृत रिपोर्ट सामने आ सकती है।
दुकान में अन्य खामियां
जांच के दौरान दुकान में अन्य कई खामियां भी उजागर हुईं। इनमें तिरंगा रंग रोगन, मूल्य तालिका का अभाव, निगरानी समिति की जानकारी का न होना और वितरण पंजी का अपडेट न होना शामिल है। ये सभी खामियां यह दर्शाती हैं कि उचित मूल्य की दुकान के संचालन में गंभीर लापरवाही बरती जा रही थी, जिससे आम जनता को मिलने वाले खाद्यान्न के वितरण में भी पारदर्शिता नहीं थी।
आगे की कार्रवाई
फिलहाल, पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है। इस दौरान यह भी देखा जाएगा कि क्या इस अनियमितता में और भी लोग शामिल हैं और क्या यह घोटाला केवल एक दुकान तक सीमित है या इसका विस्तार कहीं और भी हो सकता है। पुलिस की जांच के बाद और भी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।