बिलासपुर। विश्व जल दिवस के अवसर पर नगर पालिक निगम बिलासपुर द्वारा “अरपा उत्थान महाअभियान” का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अरपा नदी की सफाई और संरक्षण है। इस महाअभियान के अंतर्गत 2500 से अधिक लोग सामूहिक रूप से नदी की सफाई में भाग लेंगे। सरकारी कर्मचारियों से लेकर रेलवे, एसईसीएल के अधिकारी-कर्मचारी, सामाजिक संगठन, और आम नागरिक, सभी मिलकर इस स्वच्छता अभियान का हिस्सा बनेंगे।
इस महाअभियान का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिलासपुर दौरे और स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के मद्देनजर किया जा रहा है। पिछले पखवाड़े से नगर निगम स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। अरपा उत्थान उसी श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें जनसहयोग से नदी में जमा गंदगी और कचरे को साफ किया जाएगा।
नगर निगम द्वारा इस अभियान में विशेष मशीनरी और उपकरणों का उपयोग भी किया जाएगा, जिससे नदी की सफाई को प्रभावी तरीके से अंजाम दिया जा सके। इसके अलावा, जल संकट के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वाटर हार्वेस्टिंग के महत्व और स्वच्छता से जुड़ी जानकारी भी आम लोगों को दी जाएगी।
महाअभियान का स्थान और समय
महाअभियान का आयोजन रामसेतु मार्ग (नया रिवर व्यू) और शनिचरी रपटा पुल के पास किया जाएगा, जो अरपा नदी के किनारे स्थित हैं। इन तटों के नीचे नदी की सफाई का कार्य बड़े पैमाने पर होगा। यह अभियान सुबह 6 बजे शुरू होगा और इसमें बड़ी संख्या में लोगों के सम्मिलित होने की उम्मीद है। नगर निगम ने सभी संगठनों और आमजन से इस स्वच्छता महाअभियान में हिस्सा लेने की अपील की है, ताकि अरपा नदी को स्वच्छ और संरक्षित किया जा सके।
नदी संरक्षण की आवश्यकता
अरपा नदी, जिसे बिलासपुर की जीवनदायिनी के रूप में जाना जाता है, वर्षों से प्रदूषण और गंदगी का सामना कर रही है। नदी के किनारे रहने वाले लोग और समाज के अन्य वर्गों को अब इस दिशा में जागरूक होने की आवश्यकता है। अरपा उत्थान महाअभियान न केवल नदी की सफाई का प्रतीक है, बल्कि यह बिलासपुर के लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बनेगा, जिससे वे स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठा सकें।
संदेश: स्वच्छता से समृद्धि की ओर
यह महाअभियान न केवल अरपा नदी की सफाई के लिए है, बल्कि यह समाज को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का भी एक बड़ा प्रयास है। बिलासपुर नगर निगम का यह कदम आने वाले समय में नदियों और जलस्रोतों के संरक्षण की दिशा में प्रेरणादायक साबित हो सकता है।