बिलासपुर। कोटा थाना अंतर्गत बेलगहना चौकी क्षेत्र के टेंगनमाडा गांव में एक झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने दो मासूम बच्चों की जान ले ली। बिना वैध चिकित्सकीय लाइसेंस के इलाज कर रहे दीपक गुप्ता उर्फ चिंटू गुप्ता को पुलिस ने गंभीर अपराध के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेज दिया है।
मामला 17 जुलाई 2024 का है, जब करवा गांव निवासी जब्बार अली ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके दोनों बेटे—इरफान अली (13 वर्ष) और इमरान अली (14 वर्ष)—की झोलाछाप डॉक्टर चिंटू गुप्ता द्वारा गलत इलाज के कारण मृत्यु हो गई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मर्ग इंटिमेशन दर्ज कर जांच प्रारंभ की।
जांच के दौरान प्राप्त एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) और हिस्टोपैथोलॉजिकल रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी दीपक गुप्ता बिना किसी वैध चिकित्सा पात्रता के इलाज कर रहा था, जिससे दोनों बच्चों की जान गई। इस आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (BNS) के तहत अपराध दर्ज किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के निर्देश पर तत्काल कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अर्चना झा एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कोटा नूपुर उपाध्याय के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम ने आरोपी दीपक गुप्ता (उम्र 37 वर्ष, निवासी टेंगनमाडा) को 16 अप्रैल 2025 को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा।
इस कार्यवाही में चौकी बेलगहना प्रभारी उप निरीक्षक भावेश शेंडे, सहायक उप निरीक्षक भरत राठौर एवं आरक्षक तरुण केशरवानी की विशेष भूमिका रही।